विश्वभर में कोरोना अब भी तेजी से फैल रहा है। विश्व महाशक्ति अमेरिका हो या खाड़ी देश सभी कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे हैं। अमेरिका में तो कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 5 लाख के पार हो गई है। इसी बीच कुवैत ने कोरोना खतरे के मद्देनजर 24 फरवरी, बुधवार से अपनी जमीन और समुद्री सीमा क्रासिंग को बंद करने का फैसला लिया है। ये फैसला तब तक प्रभावी रहेगा जब तक कि कुवैत कोरोना वायरस पर नियंत्रण नहीं पा लेता।
कुवैत के कैबिनेट ने देश के समुद्री रास्तों के जरिए कुवैत में आवागमन पर प्रतिबंध लगा देने का बड़ा निर्णय लिया है। साथ ही देश के रेस्तरां और कैफे के अंदर कस्टमर्स की एंट्री पर भी बैन लगा दिया गया है।
مجلس الوزراء يقرر إغلاق المنافذ (البرية والبحرية) باستثناء عمليات الشحن والعاملين في المنطقة المقسومة والسماح بعودة المواطنين وأقربائهم من الدرجة الأولى ومرافقيهم من العمالة المنزلية وتكليف (الداخلية والجمارك) تنفيذ القراراعتبارا من الأربعاء 24/2/2021 حتى السبت 20/3/2021
— كونا KUNA (@kuna_ar) February 22, 2021
आपको बता दें कि कुवैत के मंत्रिपरिषद का यह फैसला सेफ पैलेस में आयोजित सप्ताहांत सत्र के दौरान सामने आया था, इस सप्ताहांत सत्र की अध्यक्षता महामहिम प्रधानमंत्री शेख सबा खालिद अल हमद अलसबाह ने की थी। इसी समय कुवैत कैबिनेट ने विभाजित क्षेत्र में शिपिंग और श्रमिकों को छूट दी है, लेकिन कैबिनेट ने भूमि और समुद्री मार्गों को बंद करने के फैसले पर अभी तक कोई बदलाव भी किए हैं।
रेस्तरां और कैफे के अंदर खाना खाने पर भी प्रतिबंध
वहीं इस वीकेंड सेशन में देश के नागरिकों को अपने माता पिता, पूर्ण भाई या बच्चे और डॉमेस्टिक कामगारों की कंपनी के साथ भूमि और समुद्री बंदरगाहों के माध्यम से कुवैत में आने की अनुमति दी गई है। कुवैत की कैबिनेट द्वारा रेस्तरां और कैफे के अंदर खाना खाने पर भी प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है। शॉपिंग मॉल को लेकर भी इस तरह का निर्णय लिया गया है। हालांकि होम डिलीवरी की अनुमति दी गई है। इस पूरे फैसले को टम्प्रेरी टाइम पीरियड के लिए 24 फरवरी से लागू किया जाएगा।
दूसरी ओर कुवैत के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों और रिपोर्टों के अनुसार, देश में कर्फ्यू और पूर्ण लॉकडाउन लागू करने के कई विकल्प थे, जिन पर चर्चा की गई है और इस चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि इस समय देश में कर्फ्यू लगाना उचित नहीं है। लेकिन देश में सभी स्वास्थ्य संबंधी नियमों का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य है।