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गार्गी कॉलेज में शराब पीकर घुसे बाहरी लोग, छात्राओं के साथ की अश्लील हरकत

गार्गी कॉलेज में शराब पीकर घुसे बाहरी लोग, छात्राओं के साथ की अश्लील हरकत

दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज की छात्राओं ने आरोप लगाया है कि 6 फरवरी को कुछ बाहरी लोग कैंपस में जबरदस्ती घुसे और उनके साथ अश्लील हरकत की। छात्राओं का आरोप है उन्होंने शराब पी रखी थी। ये घटना कैंपस में होने वाले तीन दिवसीय ‘रेवेरी फेस्टिवल’ के दौरान घटित हुआ।

लड़कियों ने बताया कि 6 फरवरी को कॉलेज के अंदर बाहरी लोग दरवाजा फांदकर घुसे और हम लड़कियों पकड़कर बाथरूम में बंद कर दिया और हमारे साथ अश्लील हरकत की। छात्राओं ने ये भी आरोप लगाया कि सालाना कॉलेज फेस्‍ट के दौरान जब बाहरी लोग घुसे तो पुलिस वहीं मौजूद थी। उनके सामने लड़कियों का यौन उत्पीड़न होता रहा मगर पुलिस ने कुछ नहीं किया, पुलिस सिर्फ देखती रही।

एक छात्रा के मुताबिक, “वो कॉलेज के छात्र नहीं थे। वो करीब 30-35 साल के लोग थे। उनमें से आधे नशे में थे। हमारे पास उनके विजुअल्‍स हैं जिनमें वो कैंपस के अंदर सिगरेट पी रहे हैं।” छात्रा ने बताया कि बाहर से आए हुए लोगों ने शराब पी रखी थी। उन्होंने वहाँ मौजूद महिलाओं का यौन उत्‍पीड़न किया और पूरे कैंपस में उनका पीछा करते रहे। उस दौरान फर्स्‍ट ईयर की कुछ छात्राएं बेहोश होकर गिर पड़ी लेकिन उनकी सुध लेने कोई नहीं आया। एक तरह से कैंपस में मेडिकल इमरजेंसी जैसी हालत हो गई थी।

एक छात्रा ने कहा, “मैं और मेरी दोस्त प्रिंसिपल के पास गईं और मदद के लिए कहा। मगर उन्होंने कहा, इसी वजह से मैं फेस्ट ऑर्गनाइज करना पसंद नहीं करती। तुम्हीं लोगों को फेस्ट चाहिए होते हैं। हमने कहा, ऐसा नहीं है मैम! तो उन्होंने कहा, तो तुम आए क्यों? गो बैक! मैं अपने लेवल पर इस मामले को देख रही हूं। मगर प्रिंसिपल डॉ प्रोमिला कुमार ने इससे साफ इनकार कर कहा है कि उन्हें और उनकी फैकल्टी को इस मामले में कोई शिकायत नहीं मिली हैं। उन्होंने कहा, वे सोमवार को स्टूडेंट्स से खुद बात करेंगी।”

बीए ऑनर्स की एक छात्रा ने मीडिया को बताया, “बाहर से आने वालों का एक ग्रुप नहीं था। वे लोग अलग-अलग ग्रुप में आए थे। कुछ लोगों ने मुझे और मेरी दोस्त को गलत ढंग से छुआ। वे अश्लील इशारे कर रहे थे। मैं चिल्लाई तो वो हंसने लगे। यह इतना खौफनाक था कि कुछ लड़कियां रो रही थीं, कुछ को पैनिक अटैक आ गया था। ये लोग कॉलेज का गेट फांदकर अंदर घुसे। पुलिस, कॉलेज सिक्यॉरिटी, बाउंसर्स… सब थे। मगर किसी ने हमारी मदद नहीं की।”

बीए थर्ड ईयर की छात्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “सैकड़ों लोग थे। क्राउड मैनेजमेंट था ही नहीं। इनमें से 200-300 लोग सिर्फ लड़कियों को परेशान करने पहुंचे थे। कई ने शर्ट के बटन खोले, तो कुछ ने शर्ट। कुछ ने मौका पाकर लड़कियों के सामने हस्थमैथुन तक किया। एक-दो ने लड़कियों पर पैसे भी फेंके। वो हमें गलत जगह छू रहे थे, धक्के मार रहे थे। अंदर पुलिस तैनात थी। हमने मदद मांगी मगर उन्होंने कुछ नहीं किया। इस वजह से कई लड़कियों ने 6 बजे के बाद निकलना शुरू किया। मैं खुद सह नहीं पाई और बाहर पहुंची, जहां एक पीसीआर वैन भी खड़ी थी।”

एक और छात्रा बताती हैं, “मैंने कुछ लड़कियों को बदहवास-सा देखा। दो लड़कियों को तो चक्कर आ गया। मैंने ये भी सुना कि कुछ बदमाश वॉशरूम के बाहर तक पहुंचे और बाहर से कुंडी लगा दी। लड़कियां घबराकर रो रही थीं। कुछ लोगों ने लड़कियों का पीछा किया, ग्रीन पार्क मेट्रो स्टेशन तक, दूर रास्ते तक। 9 बजे के बाद कॉलेज की कई लड़कियां बाहर निकली।”

कुछ लड़कियों ने बताया कि उन्होंने उन्हें गेट फांदकर अंदर आते देखा। भीड़ को संभालने में लड़कियों की कुछ लड़कों ने मदद भी की पर उनकी संख्या अधिक थी। छात्राओं ने ये भी बताया कि वहां रैपिड एक्‍शन फोर्स (आरएएफ) के जवान कैंपस के ठीक सामने खड़े थे मगर उन्होंने कोई मदद नहीं।

एक छात्रा ने बताया, “भीड़ इतनी ज्‍यादा थी कि हम बाहर नहीं जा सकते थे। मुझे तीन बार पकड़ा गया। मैं 40 मिनट तक अंदर ही फंसी रही। जब मैं बाहर निकलकर एक खाली जगह पर गई, एक आदमी मुझे देखकर हस्थमैथुन करने लगा। जैसे ही मैं वहां से भागी, फर्स्‍ट ईयर की एक स्‍टूडेंट दौड़ती हुई मेरे पास और कहा कि 5-6 लोग उसे घेर रहे हैं।”

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