दुनिया की बड़ी-बड़ी एजेंसियों और विकसित देशों द्वारा हमेशा भारत सहित दक्षिण एशिया- अफ्रीकी देशों को बाल श्रम के मामलों पर अंतरराष्ट्रीय मंचो पर घेरा जाता है। लेकिन केवल विकासशील देशों में ही नहीं बल्कि विकसित कहे जाने वाले देशों में भी बाल श्रम खूब होता है। कई रिपोर्ट्स और आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, अफ्रीका और एशिया और प्रशांत क्षेत्र दुनिया भर में बाल श्रम में हर दस में से नौ बच्चों का योगदान करते हैं। शेष बाल श्रमिकों की आबादी अमेरिका में 11 मिलियन, यूरोप और मध्य एशिया में 6 मिलियन और अरब देशों में 1 मिलियन है। अगर प्रतिशत देखें तो अमेरिका में 5 फीसदी बच्चे बाल मजदूरी में लगे हैं। यूरोप और मध्य एशिया में 4 प्रतिशत और अरब राज्यों में 3 प्रतिशत। अफ्रीका में बाल श्रम की उच्चतम दर 21.6 प्रतिशत है, इसके बाद सहारा अफ्रीका में 23.9 प्रतिशत है।
TRT World.com की एक खबर के मुताबिक, मानवाधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार, राजनीतिक सलाहकार और सामाजिक उद्यमी फर्नांडो मोरालेस-डी ला क्रूज़ का कहना है कि दुनिया भर में 300 मिलियन से अधिक बच्चे काम कर रहे हैं, जबकि बच्चों को अधिकार भी दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकसित देशों और यूरोपीय संघ, अमेरिका, कनाडा, जापान, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में बाल श्रम की आपूर्ति में धीरे-धीरे वृद्धि हुई है। खासतौर पर देशों के क्रूर और अवैध बिजनेस मॉडल की वजह से ही ऐसा हो रहा है।
वहीं, न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर के मुताबिक, साल 2022 में 130,000 नाबालिग बच्चे बिना किसी अभिभावक के अमेरिका के सीमावर्ती इलाकों में रह रहे हैं। पिछले पांच सालों में यह संख्या पहले के मुकाबले तीन गुना ज्यादा हो गई है। ऐसी संभावना है कि चूंकि इन बच्चों का कोई रिकॉर्ड नहीं है, इसलिए उनसे बाल श्रम लेना आसान होगा। वर्तमान में ये बच्चे कॉफी, चाय, कोको, वाहन रिपेयरिंग, ज्वेलरी बनाने जैसी जगहों पर कार्यरत हैं। जबकि वैश्विक आंकड़ों में इनकी कोई चर्चा नहीं है।
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साल 2021 में यूनाइटेड किंगडम में 5,486 बच्चों की पहचान हुई जो आधुनिक दासता , तस्करी, आपराधिक कार्य और जबरन श्रम के शिकार हो रहे थे।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिसर्च के मुताबिक, 7-14 वर्ष की आयु के 29 प्रतिशत बच्चे जॉर्जिया में बाल श्रम कर रहे हैं। अल्बानिया में 19 प्रतिशत है। रूसी संघ की सरकार द्वारा अनुमान लगाया था कि उनके देश में लगभग एक मिलियन बच्चे बाल श्रम कर रहे होंगे। वहीं जून 2013 के एक अध्ययन से पता चलता है कि इटली में 16 वर्ष से कम उम्र के 5.2 प्रतिशत बच्चों द्वारा काम किया जा रहा है।
पूरे यूरोप में नाबालिग कृषि, निर्माण, छोटे कारखानों या सड़कों पर बेहद खतरनाक व्यवसायों में काम करते हैं। यह अल्बानिया, बुल्गारिया, जॉर्जिया, मोल्दोवा, मोंटेनेग्रो, रोमानिया, सर्बिया, तुर्की और यूक्रेन में हो रहा है। बुल्गारिया में अधिकांश बाल श्रमिक तंबाकू उद्योग में काम करते हैं। वहीं, साइप्रस, ग्रीस, इटली और पुर्तगाल में नाबालिगों से कई तरह के काम लिए जाते हैं।
संयुक्त राष्ट्र की साल 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार अभी भी पूरी दुनिया में अनुमानित 16 करोड़ बच्चे बाल श्रम की चपेट में हैं। जबकि यूनिसेफ की जून 2021 में आई एक एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर के कृषि क्षेत्र में 70 प्रतिशत बच्चों से (112 मिलियन) बाल श्रम करवाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सेवाओं में 20 प्रतिशत (31.4 मिलियन) और उद्योग में 10 प्रतिशत (16.5 मिलियन) बाल श्रम की उपस्थिति दर्ज की गई हैं। बाल श्रम में 5 से 11 वर्ष की आयु के लगभग 28 प्रतिशत और 12 से 14 वर्ष की आयु के 35 प्रतिशत बच्चे बाल श्रम के चलते स्कूल नहीं जाते हैं।
दुनियाभर में बाल श्रमिक बंधुआ मजदूरी, बाल सैनिक (चाइल्ड सोल्जर) और देह व्यापार के शिकार हैं। साथ ही इन बच्चों के साथ कई तरह के शोषण भी होने का खतरा बना रहता है। जैसे यौन उत्पीड़न और चाइल्ड पोर्नोग्राफी आदि।