कोरोना वायरस के खिलाफ कोविड टीकाकरण कितना प्रभावी है? इस जांच के लिए अब भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा जानकारी जुटाई जा रही है। आईसीएमआर ने इस संबंध में राज्यों से जानकारी मांगी है। आईसीएमआर ने कहा कि कितने नागरिकों को कोरोना वायरस का टीका लगवाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा? डेटा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा तैयार किया जाना चाहिए।
क्या टीकाकरण के बाद सच में घट रहे हैं कोरोना के मामले?
जानकारों का कहना है कि इसी मकसद से यह जानकारी ली जा रही है। राज्यों में अब तक कितने लोगों को टीका लगाया गया है? कितने सक्रिय हैं? ICMR ने उपचार प्रोटोकॉल और कोरोना संक्रमण रोगियों के अस्पताल में भर्ती होने के समय के बारे में भी जानकारी मांगी।
नागरिकों के बीच गलतफहमी भी दूर होगी
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राज्यों को सामान्य पोर्टल डेटा अपलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। कितना कारगर है कोरोना का टीका? समझने में मदद मिलेगी। साथ ही स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर कितना जोर दिया जा रहा है? यह भी पता चल जाएगा। डॉ. आईसीएमआर के वरिष्ठ महामारी विज्ञानी ने कहा कि वैक्सीन मिलने के बाद भी जानकारी मिलने से नागरिकों में फैली भ्रांतियां दूर होंगी।
19 करोड़ नागरिकों का टीकाकरण
देश में 16 जनवरी से अब तक 19.49 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। इसमें से 15.19 करोड़ नागरिकों को पहली खुराक दी जा चुकी है। कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने वालों की संख्या 4.30 करोड़ है।
ब्रिटिश सरकार ने कहा कि कोविशील्ड वैक्सीन कोरोन के बी1.617.2 संस्करण के खिलाफ प्रभावी है। यह सीरम इंस्टीट्यूट का कोविशील्ड वैक्सीन है।