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कनाडा को भी कोरोना वैक्सीन देगा भारत 

कोरोना वायरस के चलते दुनिया में  अब तक लाखों लोगों की जानें जा चुकी हैं और करीब दस  करोड़ लोग इसके संक्रमण की चपेट में हैं। ऐसे में जहां पूरी दुनिया कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही है, वहीं  भारत  में भी  सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है। भारत में दो वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी के बाद टीकाकरण अभियान जोरों पर है। ऐसी  स्थिति में भारत केवल अपने लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों को भी वैक्सीन पहुंचा रहा है। कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित कई देशों को भारत वैक्सीन दे रहा है। इस बीच नए कृषि कानूनों के खिलाफ भारत में चल रहे किसान आंदोलन  में  दखलअंदाजी की वजह से निशाने पर आए कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने  भारत के पीएम मोदी को फोन करके मदद मांगी है।उन्होंने भारत की तारीफ करते हुए पीएम मोदी के सामने कोरोना टीकों की मांग रखी। पीएम मोदी ने कनाडाई पीएम ट्रूडो को विश्वास दिलाया है कि भारत कनाडा के टीकाकरण प्रयासों में पूरा सहयोग करेगा।

भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कनाडाई प्रधानमंत्री ने मोदी को फोन कर अपने देश में कोरोना वायरस  के टीकों की आवश्यकताओं के बारे में बताया। पीएम मोदी ने जस्टिन ट्रूडो को आश्वस्त करते हुए कहा, ”भारत ने जैसे कई अन्य राष्ट्रों के लिए किया, ठीक उसी तरह कनाडा के टीकाकरण प्रयासों को सहयोग देने की पूरी कोशिश करेगा।”

कोरोना के खिलाफ जंग में भारत के योगदान की तारीफ करते हुए ट्रूडो ने कहा कि यदि दुनिया कोरोना के खिलाफ जीतने में कामयाब होगी तो यह भारत के जबरदस्त औषधीय क्षमता की वजह से होगा। भारत की इस क्षमता को विश्व के साथ साझा करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना की। पीएम मोदी ने इन भावनाओं के लिए ट्रूडो को धन्यवाद कहा।

दोनों नेताओं ने जलवायु परिवर्तन और कोरोना महामारी के आर्थिक दुष्प्रभावों सहित कई अन्य अहम मुद्दों पर करीबी साझेदारी जारी रखने पर सहमति जताई। बाद में प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि कनाडा द्वारा कोविड-19 टीकों की मांग के अनुरूप आपूर्ति करने की भारत भरपूर कोशिश करेगा।

भारत में नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की टिप्पणी के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में तल्खी नजर आई थी। भारत ने ना सिर्फ कनाडा को अंदरुनी मामलों से दूर रहने की नसीहद दी थी बल्कि उसे यह जता भी दिया गया था। कनाडाई प्रधानमंत्री की टिप्पणी के बाद नई दिल्ली ने कनाडा के राजदूत को समन किया था। भारत ने कहा था कि कनाडाई प्रधानमंत्री और कुछ कैबिनेट मंत्रियों द्वारा भारतीय किसानों को लेकर दिए गए बयान अस्वीकार्य हैं। यह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है।

दरअसल , प्रधानमंत्री ट्रूडो ने गुरु नानक की 551वीं जयंती के मौके पर आयोजित हुए वीडियो इंटेरैक्शन के दौरान भारत में हो रहे किसान आंदोलन का जिक्र किया था। उन्होंने प्रदर्शन के लिए ‘चिंता’ जताते हुए कहा था कि ‘कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार के पक्ष में खड़ा रहेगा।’ कनाडा में लगभग 16 लाख लोग भारतीय समुदाय के हैं। इसमें से बड़ी संख्या में पंजाब के रहने वाले लोग हैं। कनाडा में तकरीबन सात लाख सिख आबादी रहती है। माना जा रहा है कि साल 2021 के चुनाव के लिए प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने किसान आंदोलन को लेकर बयानबाजी की थी।

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