माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर और भारत सरकार के बीच गहरा गतिरोध पैदा हो गया है। इसी बीच भारत सरकार की तरफ से ट्विटर को सख्त लहजे में कहा गया है कि भारत में उन्हें भारतीय कानूनों का पालन करना ही होगा। सरकार ने ट्विटर को कुछ अकांउट को प्रतिबधिंत करने में देरी पर भी अपनी चिंता जाहिर की है। ट्विटर और भारत सरकार के बीच बढ़ते विवाद के माहौल में भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव और ट्विटर की ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी वाइस प्रेसिडेंट मोनीके मेशे के बीच वर्चुअल वार्ता हुई है।
वार्ता के दौरान सरकार की तरफ से ट्विटर को दोहरे मापदंड न अपनाने और सरकारी आदेशों का पालन करने के निर्देंश दिए गए है। इसके साथ ही ट्विटर को लोकतांत्रिक संस्थानों का सम्मान करने के लिए कहा है। ट्विटर और सरकार के बीच खाई तब और ज्यादा गहरी हो गई तब ट्विटर पर कुछ ऐसे हैशटैग ट्रेड होने लगे, जिससे भारत की छवि को बदनाम करने की कोशिश की गई। भारत सरकार की तरफ से ‘फार्मर जेनोसाइड’ (किसानों का नरसंहार) को लेकर नाराज़गी भी ज़ाहिर की गई। ट्विटर को भारत सरकार की तरफ से कुछ विवादित अकांउट और खालिस्तानी समर्थक अकांउट को बंद करने के लिए कहा गया था। इसे लेकर ट्विटर और सरकार के बीच विवाद हो गया। हालांकि सरकार के आदेश के बाद ट्विटर ने 10 फरवरी को कुछ अकांउट को डिलीट कर दिया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्राद्योगिकी मंत्रालय के सचिव ने ट्विटर के प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान कहा कि भारत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आलोचना का सम्मान करता है क्योंकि यह हमारे लोकतंत्र का हिस्सा है। इसके साथ यह भी कहा गया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता निरंकुश नहीं है इस पर भी उचित प्रतिबंध है। जैसा कि भारत के संविधान के अनुच्छेत 19 (2) में वर्णित है। भारत के सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णयों में भी इस सिद्धांत को कई बार सही ठहराया गया है।
ट्विटर को भारत में कानूनों और लोकतांत्रिक संस्थानों का करना होगा सम्मान: भारत सरकार
ट्विटर के प्रतिनिधियों ने कहा है कि ट्विटर का भारत में व्यापार करने के लिए स्वागत, लेकिन इसके साथ ही उसे भारत के कानूनों और लोकतांत्रिक सस्थानों का सम्मान करना होगा। सरकार की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है कि, “ट्विटर अपने नियम और दिशानिर्देश बना सकता है लेकिन भारत की संसद में पारित क़ानूनों का पालन करना ही होगा, भले ही ट्विटर के अपने नियम और दिशानिर्देश कुछ भी हों।”
लेकिन वहीं अब ट्विटर को जवाब देने के लिए बाजार में भारत की तरफ से ‘KOO’ नाम की एक माइक्रो ब्लॉगिंग साइट को भी शुरू किया गया है। सरकार के कई मंत्रियों ने इस पर अपना अकाउंट बना लिया है, और वह इस ऐप का प्रचार भी जोरों-शोरों से कर रहे है। ‘KOO’ पूर्ण रूप से भारत की साइट है। 9 फरवरी को ट्विटर पर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, रेलमंत्री पीयूष गोयल समेत कई मंत्रियों ने बताया कि उन्होंने ‘KOO’ पर अपना अकाउंट बनाया है। उन्होंने लोगों से अपील कि है कि वो इस भारतीय माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर उनसे जुड़ें।
भारत सरकार और ट्विटर के बीच विवाद के बाद ‘KOO’ ऐप ट्विटर पर ट्रेड करने लगी थी। कू को मार्च 2020 में लॉन्च किया गया था। इसे बेंगलुरू की बॉम्बीनेट टेक्नॉलॉज़ीस प्राईवेट लिमिटेड ने बनाया और अपरामेया राधाकृष्णण और मयंक बिदवक्ता ने डिज़ाइन किया है। इस ऐप में अभी तक चार भारतीय भाषाओं को शामिल किया गया है। जिनमें तमिल,तेलुगू,हिंदी और कन्नड़ शामिल है। प्ले स्टोर पर इसे अभी तक 1 मिलियन लोगों ने डाउनलोड कर लिया गया है।
साल 2020 में सरकार द्वारा आयोजित “आत्मनिर्भर ऐप इनोवेशन चैलेंज” में कू ऐप को ‘चिंगारी’ और ‘ज़ोहो’ जैसे ऐप्स के साथ विजेता घोषित किया गया था। ‘चिंगारी’ और ‘ज़ोहो’ टिकटॉक जैसे वीडियो ऐप हैं, टिकटॉक पर बैन के बाद ये चर्चा में आए थे।