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सियासत के मैदान में इमरान को चुनौती देंगे जावेद मियांदाद 

इमरान खान जब से पकिस्तान  के प्रधानमंत्री बने हैं तब से दिक़्क़तों का सामना कर रहे हैं। कभी  सीमा विवाद तो कभी देश की खस्ता हाल अर्थव्यवस्था उनकी चुनौती बन जाती है। विपरीत हालत में दोस्त भी उनका साथ छोड़ रहे हैं। इस बीच लंबे समय से उनके खास दोस्त रहे जावेद मियांदाद भी उनसे  रिश्ते तोड़ चुके  हैं। इमरान खान प्रधानमंत्री हैं और उनके लिए चुनाव प्रचार करने वाले जावेद मियांदाद खाली बैठे हैं। मियांदाद को उम्मीद थी कि इमरान पीएम बन गए हैं तो उन्हें पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में बड़ा पद  मिलेगा। दो साल बाद भी मियांदाद के हाथ खली हैं । अब इस पूर्व बल्लेबाज ने इमरान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

एक जमाने में क्रिकेट के मैदान में पाकिस्तान  के दो महान खिलाड़ी  इमरान खान और जावेद मियांदाद को एक-दूसरे का प्रतिद्वंद्वी माना जाता था। जो अब  सियासी पिच पर उतरने जा रही है। अपने जमाने के विस्फोटक बल्लेबाज  जावेद मियादांद ने  प्रधानमंत्री इमरान खान को खुली चुनौती देते हुए राजनीति के क्षेत्र में उतरने का ऐलान कर दिया है।

जावेद मियांदाद ने इमरान खान को चुनौती दी है कि वह पाकिस्तान के हित के खिलाफ जाने पर प्रधानमंत्री के हर फैसले का पुरजोर विरोध करेंगे। मियांदाद ने इमरान खान पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि वह उन्हें खेल के मैदान ही नहीं, बल्कि राजनीति में भी चुनौती देंगे।  उन्होंने कहा कि वह उनमें से एक हैं जिन्होंने इमरान को देश का प्रधानमंत्री बनाया है।  जावेद मियांदाद ने कहा कि वो इमरान खान के कप्तान थे।और अब  राजनीति में शामिल होंगे। लोगों को बताएंगे कि वास्तविक राजनीति क्या होती है।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के कुप्रबंधन से परेशान पूर्व स्टार क्रिकेटर मियांदाद ने राष्ट्र के सामने कई मुद्दों पर इमरान को लताड़ा है। उन्होंने कहा, “कृपया हमारे क्रिकेट का प्रबंधन करने के लिए विदेश से लोगों को न लाएं। पाकिस्तान में योग्य लोगों की तलाश करें।  पाकिस्तान के लोगों पर विश्वास करें।

जावेद मियांदाद ने पीसीबी चेयरमैन और वर्षों से लंदन में रहे एहसान मनी की ओर भी इशारा किया है। मियांदाद बर्मिंघम के पूर्व क्रिकेटर वसीम खान के काम से भी संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं।  वसीम और एहसान दोनों ही प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी बताए जाते हैं।

मियांदाद ने कहा, “ये लोग (वसीम और एहसान) बाहरी हैं  मान लीजिए कि वे यहां किसी गलत काम में लिप्त हैं और बाद में पाकिस्तान से भाग जाते हैं, तो उनके कृत्य के लिए कौन जिम्मेदार होगा।

वह पाकिस्तानी पीएम इमरान खान की कार्यशैली से भी खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा, “तुम खुदा बनकर बैठे हो। तुम्हें लगता है कि तुम्हारे अलावा यहां किसी को कुछ नहीं पता क्योंकि तुम्हें  लगता है कि पाकिस्तान से कोई अन्य व्यक्ति कैंब्रिज या ऑक्सफोर्ड नहीं गया। वास्तव में आपको नहीं पता कि पाकिस्तान में क्या हो रहा है।  दरअसल आपको इसका कोई अंदाजा नहीं है कि पाकिस्तान में क्या हो रहा है।  आप केवल ऐसे लोगों  पर भरोसा कर रहे हैं  जिनके इरादे बुरे हैं।  आप नहीं जानते कि वे  किस प्रकार के लोग हैं।

पिछले संघीय चुनावों के समर्थन के लिए इमरान खान को कराची में अपने घर आने की याद दिलाते हुए जावेद मियांदाद ने कहा, “वह चुनाव की पूर्व संध्या पर मेरे घर आए थे।  मैंने उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन दिया।  उन्हें यह महसूस करना चाहिए। इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि मैंने उनका समर्थन किया. लेकिन वह पाकिस्तान के लोगों के लिए अपना वादा पूरा करने में विफल रहे।  इसलिए अब से मैं राजनीतिक मुद्दों पर भी बोलूंगा।   मैं पीछे नहीं हटूंगा. मैं पाकिस्तान की बेहतरी के लिए बोलूंगा।

यही नहीं मियांदाद इंग्लैंड के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा पहला टेस्ट मैच हारने पर भी निराश दिखे. पाकिस्तान की हार के लिए उन्होंने पीसीबी में चल रही गड़बड़ी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा, “चाहे वह क्रिकेट हो या हॉकी, खेल को चलाने के लिए बाहर से लोगों को लाने की आवश्यकता नहीं है।  हमारे पास पाकिस्तान में पर्याप्त लोग हैं और उन्हें अवसर दिया जाना चाहिए।  इसलिए अब अगर कोई पाकिस्तानी को अनदेखा करता है और किसी बाहरी व्यक्ति को वरीयता देता है तो ऐसे कदम को राष्ट्र-विरोधी माना जाएगा।

मियांदाद ने एहसान मनी और वसीम खान का समर्थन करने के लिए इमरान खान पर चुटकी ली. वहीं पाकिस्तानी मीडिया ने भी इमरान खान की कार्यशैली पर जावेद मियांदाद की उग्र टिप्पणी को प्रमुखता से दिखाया है। अब प्रधानमंत्री कार्यालय को इस मुद्दे पर जवाब देना है जो इन दिनों पाकिस्तान की सड़कों पर एक चर्चा का विषय बना हुआ है।

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