आज नागरिक संशोधन विधेयक बिल लोकसभा में पेश किया जाएगा । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बिल को पेश करेंगे । बता दें कि ये विधेयक लोकसभा के दैनिक कामकाज के तहत सूचीबद्ध है । ये बिल राजनीतिक रूप से संवेदनशील है और इसे लेकर विपक्ष की ओर से विरोध के स्वर उठ रहे हैं । केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले बुधवार को इस विधेयक को मंजूरी दी थी । मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक में भारत के हितों को ध्यान में रखा जाएगा । उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि जब विधेयक के प्रावधानों की घोषणा होगी तो असम समेत पूर्वोत्तर और संपूर्ण भारत में इसका स्वागत किया जाएगा । बता दें कि अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मिजोरम में जहां इनर लाइन परमिट (आईएलपी) की व्यवस्था लागू है, उसे सीएबी के दायरे से बाहर रखा जाएगा ।इसी को लेकर 2019 के आम चुनाव में इलाके में राजनीतिक विवाद पैदा हुआ । गौरतलब है कि आईएलपी भारत सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक यात्रा दस्तावेज है जिसके तहत सुरक्षित इलाके में एक सीमित अवधि के लिए भारत के नागरिकों को यात्रा की अनुमति प्रदान की जाती है । सूत्रों के मुताबिक, राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस विधेयक में असम, मेघालय और त्रिपुरा के जनजातीय इलाकों को छोड़ दिया जाएगा । ये ऐसे जनजातीय इलाके हैं जहां संविधान की छठी अनुसूची के तहत स्वायत्त परिषद व जिले बनाए गए हैं । बता दें कि अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मिजोरम जहां इनर लाइन परमिट (आईएलपी) की व्यवस्था लागू है, उसे सीएबी के दायरे से बाहर रखा जाएगा । इसी को लेकर 2019 के आम चुनाव में इलाके में राजनीतिक विवाद पैदा हुआ । आईएलपी भारत सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक यात्रा दस्तावेज है जिसके तहत सुरक्षित इलाटके में एक सीमित अवधि के लिए भारत के नागरिकों को यात्रा की अनुमति प्रदान की जाती है । सूत्रों के मुताबिक, राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस विधेयक में असम, मेघालय और त्रिपुरा के जनजातीय इलाकों को छोड़ दिया जाएगा । ये ऐसे जनजातीय इलाके हैं जहां संविधान की छठी अनुसूची के तहत स्वायत्त परिषद व जिले बनाए गए हैं । |