म्यांमार में लोकतंत्र बहाली की मांग कर रही जनता पर सेना ने जुल्म की इंतेहा कर डाली है। आंदोलनकारी जनता का मनोबल तोड़ने के लिए म्यांमार की सेना पूरी जी-जान से जुट गई है। म्यांमार में तख्तापलट के बाद से सेना और जनता के बीच जंग जारी है। सेना देश पर शासन चाहती है, तो जनता सैनिक शासन को बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है। लोग लोकतंत्र की बहाली के लिए सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं, मगर सेना उनकी आवाज दबाने में जुटी हुई है।
कोई शहर म्यांमार का ऐसा नहीं जहां पुलिस और सेना आंदोलनकारी जनता पर अत्याचार न कर रही हो। लेकिन जनता भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। जनता का मनोबल बढ़ता देख सेना भी अब नरसंहार पर उतर आई है। जनता का मनोबल सेना के सामने अब चुनौती बनता जा रहा है। नतीजा यह है कि जनता का मनोबल तोड़ने के लिए सेना ने अब अत्याचार की हदें पार कर दी हैं।
म्यांमार में मानवाधिकारों का हनन
सेना की गोलीबारी में अब तक 500 से अधिक प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है। ताजा घटना में सेना अब जनता पर एयर स्ट्राइक कर रही है। हवाई हमले होने के बाद हिंसा की स्थिति और ज्यादा गहराने लगी है। इन हवाई हमलों से खुद को बचाने के लिए अल्पसंख्यक करेन जाति के हजारों लोग सीमा पार करके थाईलैंड में शरण लेने पहुंचे।
इस बीच थाईलैंड के प्रधान मंत्री प्रयुत चन-ओचा ने इस बात को खारिज किया है कि उन्होंने म्यांमार के लोगों को वापस जाने के लिए विवेश किया। कहा जा रहा है कि पिछले हफ्ते हवाई हमले के बाद भागे लोगों को वापस म्यांमार भेज दिया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अपनी मर्जी से स्वदेश लौटे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय दबाव पर झुकी म्यांमार की सेना
वहीं दूसरी तरफ कई एक्टिविस्ट्स ने सेना के खिलाफ गार्बेज स्ट्राइक शुरू कर दी है जो बेहद अनोखी है लेकिन तर्कहीन नहीं। दरअसल, सेना द्वारा सड़क पर सफाई कर रहे एक व्यक्ति को गोली मार दी गई थी। जिसके बाद लोगों ने इस प्रोटेस्ट को शुरू किया है। लोग मुख्य सड़क पर कूड़ा फेंक जाते हैं और दूसरों को भी यही करने को कहते हैं। इस तरह से एक्टिविस्ट्स अपनी बात को रखने के लिए नए नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। ताकि दुनिया उनकी बातों को सुने।
क्या हैं ‘सारोंग’ क्रांति, क्यों डर रही इससे म्यांमार की सेना ?
पूर्वी म्यांमार की स्थिति बहुत खतरनाक होती जा रही है। करेन अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्य राजनीतिक निकाय करेन नेशनल यूनियन (KNU) के विदेश विभाग के प्रमुख ने सॉ तॉ ने कहा कि 30 मार्च, मंगलवार को हुए हवाई हमलों में छह नागरिक मारे गए और 11 घायल हो गए। । म्यांमार सेना के हमले के मद्देनजर, KNU ने अपनी एक सशस्त्र इकाई के माध्यम से एक बयान जारी कर कहा, “सेना सभी मोर्चों से हमारे क्षेत्र की ओर बढ़ रही है और उसने प्रतिस्पर्धा करने का संकल्प लिया है।”