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म्यांमार में सेना के विरोध का नया चेहरा बनी ब्यूटी क्वीन, अनोखे तरीके अपना रहे प्रदर्शनकारी 

म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ जनता का विद्रोह जारी है, तो वहीं प्रदर्शनकारी अनोखे तरीके ईजाद करके अपनी आवाज को दुनिया के हर हिस्से तक पहुंचाने के प्रयास में लगे हुए हैं। सेना लगातार हिंसक कार्रवाई से लोगों की आवाज दबाने में लगी है। अभी तक लोग सारोंग क्रांति से लेकर कचरा स्ट्राइक से सेना के खिलाफ विरोध जता रहे थे। ईस्टर के मौके पर भी अंडों पर संदेश लिखकर ईस्टर एग स्ट्राइक की गई।

अब सेना से निपटने के लिए छात्रों और युवाओं के हाथों में भी हथियार आ चुके हैं। इस स्थिति के बाद अब देश में हर जगह गुरिल्ला युद्ध के नज़ारे देखे जा रहे हैं। अब तक देश में 557 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है। सेना की कार्रवाई में मारे जाने वाले प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर छात्र हैं। देश में सेना द्वारा रोजाना निहत्थे नागरिकों को मार दिया जाता है जिसके चलते लोग आतंकित हैं। इस वजह से अब कुछ प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सेना के साथ अपनी शर्तों पर लड़ने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है। इसलिए छात्र, पार्टी कार्यकर्ता और कर्मचारी समूह बना कर हथियारों के साथ एक प्रकार के छापामार युद्ध में लग गए हैं।

म्यांमार में अब छिड़ सकता है गुरिल्ला युद्ध !

सेना द्वारा लोगों को गोलियों से छलनी कर दिया जा रहा है। इसके बाद भी लोग अदम्य साहस के साथ एक जुट होकर लड़ रहे हैं।  विरोध का चेहरा रही 16 साल की लड़की को भी सेना ने मौत की घाट उतार दिया। इसके बाद विरोध के बीच दूसरा चेहरा बनी एक नन ने भी सेना के सामने खड़े होकर कहा कि या तो कत्लेआम बंद करो या मुझे मार दो। अब सेना के खिलाफ इस उबाल में नया चेहरा बनकर उभरी हैं म्यामांर की ब्यूटी क्वीन हैन ले। जो इस वक्त थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में हैं। 3 अप्रैल, शनिवार को मिस ग्रैंड इंटरनेशनल ब्यूटी पीजेंट का आयोजन था। इस आयोजन के जरिए22 साल की हैन ले मिस ग्रैंड म्यांमार ने म्यांमार की मदद के लिए सभी से आग्रह किया है।

उन्होंने कहा, “मैं आज इस स्टेज पर हूं, लेकिन वहीं मेरे देश म्यांमार में मेरे देश के लोगों को मौत की नींद सुलाया जा रहा है। मुझे दुःख हैं उनके लिए जिन्होंने इस सैन्य कार्रवाई में जान गंवाई। वह बोलते बोलते अपने आंसू नहीं रोक पाई। उन्होंने आगे कहा, “हर कोई अपने देश में खुशहाली समृद्धि और शांतिपूर्ण वातावरण की चाह रखता है। लेकिन सत्ता में शासन  करने के लिए नेताओं को अपनी शक्ति का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। प्लीज म्यांमार की मदद कीजिए। हमें तत्काल अंतरराष्ट्रीय मदद की आवश्यकता है।’

म्यांमार में हवाई हमलों के बीच अब शुरू हुई Garbage स्ट्राइक 

इस बीच म्यांमार के मौलाम्याइन शहर में एक दस साल की मासूम का बचपन छीन लिया गया। जो हमेशा अपने परिवार से सवाल करती थी कि हमारे देश में क्या हो रहा है? उसे जवाब तो नहीं पर मौत मिल गई। दरअसल, ये मासूम अपने घर के सामने खिलौनों से खेल रही थी। इसका नाम थु है। घटना से पहले कुछ दूरी पर ही खड़े पिता यू सोए ऊ ने बेटी को खाने के लिए नारियल दिया था।

थु मुश्किल से अभी पहला टुकड़ा ही खा पाई थी कि अचानक धड़ाम से गिरने की आवाज आई। ऊ ने मुड़कर देखा कि बेटी पेट के बल सड़क पर गिरी है और नारियल उसके हाथ से छूटकर दूर जा गिरा। अगले ही पल ऊ को खून की तेज धार बहती दिखी। असल में थु के कनपटी पर गोली आकर लगी थी। पिता उसे लेकर अस्पताल भागे, लेकिन घंटे भर में उसकी मौत हो गई। इससे पहले भी कई बच्चों की मौत हो चुकी है। सेव द चिल्ड्रन के अनुसार, अब तक 43 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है।

म्यांमार में मानवाधिकारों का हनन

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