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यूरोप में लॉकडाउन से नाराज जनता, विरोध में उतरी सड़कों पर

पूरे विश्व के लिए जानलेवा महामारी बन चुके कोरोना वायरस ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। भारत समेत पूरी दुनिया में संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है। यूरोप अब कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर का सामना कर रहा है। यूरोपीय देश इससे बचाव के लिए फिर लॉकडाउन  की ओर बढ़ रहे हैं। ताकि स्थिति बिगड़े न, लेकिन ये लॉकडाउन अब लोगों को रास नहीं आ रहा है। लोग इस लॉकडाउन का विरोध कर रहे हैं और सड़कों पर उतर कर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।

शनिवार, 20 मार्च को 10 हजार से ज्यादा लोगों ने लंदन में विरोध प्रदर्शन किया। ये पहली बार है जब कई यूरोपीय देशों ने एक साथ मिलकर लॉकडाउन का सामूहिक विरोध किया है। लॉकडाउन और स्थानीय समस्याओं को लेकर जर्मनी, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, स्विटजरलैंड, रोमानिया, सर्बिया, पोलैंड, फ्रांस और ब्रिटेन में विरोध प्रदर्शन होने लगे हैं। इस बीच सेंट्रल लंदन में हो रहे प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। पुलिस द्वारा 33 लोगों हिरासत में लिया गया है।

लॉकडाउन के चलते लोगों को घरों में रहने को कहा गया है। लॉकडाउन का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के हाथों में “बच्चों की जिंदगी बर्बाद करना बंद करें ‘ और “आर्टिफिशियल महामारी’ जैसे नारे लिखे पोस्टर भी दिखे। 29 मार्च तक घर से न निलकने और कई प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं।

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21 जून से सरकार ने सभी प्रतिबंधों को हटाने देने का आदेश दिया है। विरोध-प्रदर्शन करने वालों का कहना है कि दीर्घकालिक लॉकडाउन ने रोजगार सहित विभिन्न संकटों को जन्म दिया है। हम लॉकडाउन से फ्रीडम चाहते हैं। हालांकि, तेजी से टीकाकरण और लॉकडाउन के कारण यूके में कोरोना के नए मामलों में पिछले दो महीनों में 12 से अधिक बार गिरावट आई है। मौतें भी तेजी से घटी हैं।

कोरोना महामारी से खतरे के मद्देनजर ब्रिटेन में किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं है। 20 मार्च की घटना के बाद से सरकार ने 21 जून से सभी प्रतिबंधों को हटाने के लिए कहा है। अमेरिका की गृह मंत्री प्रीति पटेल को शनिवार की घटना के बाद देश के 60 से अधिक सांसदों द्वारा पत्र लिखा गया।  पत्र में लॉकडाउन के दौरान विरोध-प्रदर्शन करने की मंजूरी मांगी गई है। पत्र में कहा गया है कि प्रदर्शन में शामिल होना कोई अपराध नहीं है। देश में कोरोना के नियमों को लेकर पुलिस की भी कड़ी निंदा की जा रही है।

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कोरोना संक्रमण से शनिवार, 20 मार्च को ब्राजील में 73,450 नए केस सामने आये और 2331 लोगों की मौतें हुईं। बीते हफ्ते ब्राजील में 5.35 लाख से ज्यादा नए मरीज सामने आये हैं। वहीं, 17 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इस समय ब्राजील नए मरीजों और मौतों के मामले सभी देशों में आगे चल रहा है। वैक्सीनेशन में भी ब्राजील की रफ़्तार बहुत धीरे है।

जर्मनी में कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनजर लगे प्रतिबंध के बावजूद 20 हजार से ज्यादा लोगों ने लॉकडाउन के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन किया। जर्मनी में रोजाना लगभग 10 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं।

कोरोना संक्रमण के बढ़ते कहर के कारण जर्मनी में 17 मार्च को आंशिक नेशनल लॉकडाउन लगाया गया। विरोध में राजधानी वारसा में मार्च फॉर फ्रीडम शुरू कर दिया। रविवार को 26,405 नए मरीज पाए गए। ज्यादातर यूरोपीय देशों में नए मरीजों का बढ़ना जारी है।

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