चीन की कायराना हरकतें अब दुनिया की नजरोंं से छिपी नहीं हैं। चीन की चालबाजियों से भारत समेत कई देश परेशान हैं। लेकिन वह फिर भी बाज नहीं आ रहा है। चीन में उइगर मुसलमानों के साथ अन्याय की खबरें अक्सर आती रही हैं। उत्सुल मुसलमानों पर भी अब वह कहर ढाने लगा है। लेकिन अब चीन मीडिया की आवाज भी दबाने की रणनीति पर काम कर रहा है।
लोगों की आवाज को कैसे दबाना है यह चीन अच्छे से जानता है। चीन को अपने खिलाफ कुछ भी सुनना बर्दाश्त नहीं है। इसलिए चीन अब अपने देश में सोशल मीडिया और आम चर्चा की आवाज को भी सीमित कर देना चाहता है। इसलिए अब चीन में शी जिनपिंग और कम्यूनिस्ट पार्टी के खिलाफ आम बोलचाल भी आपको खतरे में डाल सकती है। चीन ने मीडिया और लोगों की आवाज़ को दबाने के लिए अब एक और कदम उठाना शुरू कर दिया है।
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इसके लिए चीन द्वारा एक हॉटलाइन लॉन्च किया गया है। इस हॉटलाइन के माध्यम से शी जिनपिंग और कम्यूनिस्ट पार्टी की आलोचना करने वालों की शिकायत की जा सकेगी। कम्यूनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने के मौके पर शी जिनपिंग द्वारा अपनी जनता से एक और आज़ादी यानी कि बोलने की आजादी छीन ली गई है।
चीन का विरोधियों पर वार
चीन में बीते 2 सालों में शी जिनपिंग के खिलाफ चीन के लोगों का गुस्सा काफी बढ़ रहा है। जिनपिंग के शासनकाल में चीन के लोगों की आजादी तो खत्म की ही गई है, साथ ही शी जिनपिंग द्वारा कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिसका देश में काफी विरोध हो रहा है। खास तौर से बीआरआई प्रोजेक्ट और कोरोनो वायरस को लेकर चीन की जनता शी जिनपिंग की काफी आलोचना कर रही है। कोरोना वायरस के कारण पहले ही चीन पूरी दुनिया में बदनाम हो रखा है इसके परिणाम स्वरूप शी जिनपिंग की जबरदस्त आलोचना हो रही है, जिसे कुचलने के लिए चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी बहुत से तरीकों का प्रयोग कर रही है।
बर्दाश्त नहीं आलोचना
इस साल जुलाई में कम्युनिस्ट पार्टी अपने सौ साल पूरे कर रही है। चीन के लोग शी जिनपिंग को सत्ता से हटाने की लगातार मांग कर रहे हैं और इसको लेकर पार्टी की काफी आलोचना भी हो रही है। अब ऐसे में चीन की सरकार की ओर से एक ऐसा हॉटलाइन नंबर लॉन्च किया गया है, जिसके द्वारा पार्टी, सरकार या लीडरशिप की आलोचना करने वालों की सीधे शिकायत की जा सकेगी।
मीडिया पर सख्ती करने की तैयारी में चीन
चीन के साइबर रेग्यूलेटन की ओर से इस नंबर को लॉन्च किया गया है। जिसके जरिए चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी और सी जिनपिंग के विरुद्ध ऑनलाइन कॉमेंट करने वालों, कम्यूनिस्ट पार्टी के खिलाफ बोलने वालों, किसी नेता के खिलाफ बोलने वालों, चीन के पूर्व नेताओं के खिलाफ बोलने वालों और समाजवादी विचारधारा के पक्ष में बोलने वालों की सीधे शिकायत की जा सकेगी। चीन की साइबर स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चायना यानि की सीएसी की ओर से बकायदा इसके लिए नोटिस भी जारी कर दिया गया है।
सीएसी के नोटिस में क्या है?
सीएसी द्वारा जारी किए गए नोटिस में लिखा गया है कि ‘कुछ लोग खराब नीयत से चीन की व्यवस्था के बारे में गलत बातें लिख रहे हैं, खराब कॉमेंट लिख रहे हैं और कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चायना के खिलाफ गलत शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं’। साथ ही नोटिस में यह भी कहा गया है कि ‘हम उम्मीद करते हैं कि इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले यूजर्स कम्यूनिस्ट पार्टी के खिलाफ बोलने वालों की फौरन शिकायत करेंगे’।
पहले से ही चीन में इंटरनेट पर ज्यादा सख्ती है, और ट्विटर-फेसबुक के साथ कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और वेबसाइट्स चीन में पहले से ही बैन हैं। इसी के साथ चीन में इंटरनेट पर भी हमेशा नजर रखी जाती है। खास तौर से किसी बड़े समारोह से पहले चीन के सोशल मीडिया पर लोग क्या लिख रहे हैं, इसे अक्सर जांचा जाता है। यदि कोई भी शख्स चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के खिलाफ लिखता है, तो फिर उसे सजा दी जाती है।
आलोचना करने पर मिलेगी सजा
जबकि इस सीएसी की नोटिस में इस बात का कही भी जिक्र नहीं है कि कम्यूनिस्ट पार्टी के खिलाफ लिखने वालों को सजा क्या मिलेगी, परन्तु इससे पहले भी सरकार के खिलाफ बोलने वालो जेल में बंद किया गया हैं। चीन में सोशल मीडिया पर कम्यूनिस्ट पार्टी की आलोचना करना या किसी नेता के खिलाफ लिखना एक कानूनन जुर्म माना जाता है और इसके लिए नागरिकों को जेल भी भेज दिया जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार इसी साल एक और कानूनी बदलाव किया गया था, जिसके तहत चीन के नेशनल हीरोज और शहीदों पर सवाल उठाने वालों को तीन साल की सजा का प्रावधान भी किया गया था।