हरियाणा सरकार ने मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा कफ सिरप के उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्र और हरियाणा राज्य के फार्मास्युटिकल विभाग के संयुक्त निरीक्षण में करीब 12 त्रुटियां पाई गईं। इसके आधार पर कुल उत्पादन बंद करने का फैसला लिया गया है। कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कंपनी को सात दिन में जवाब देना है। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि दवा कंपनी के नमूने कोलकाता में सेंट्रल ड्रग लैब भेजे गए हैं। रिपोर्ट आना बाकी है, उसके बाद ही कार्रवाई की जाएगी।
वियतनाम को भी घटिया दवाओं का निर्यात
मेडेन फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पहली बार सुर्खियों में नहीं है। कंपनी पहले भी घटिया दवाएं बनाकर विवादों में रह चुकी है। वियतनामी सरकार ने घटिया दवाओं की आपूर्ति के लिए कंपनी को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया था। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) नॉर्थ जोन, गाजियाबाद के एक ड्रग इंस्पेक्टर की शिकायत के बाद सोनीपत कोर्ट में कंपनी के खिलाफ मामला लंबित है।
2017 में सीडीएससीओ के ड्रग इंस्पेक्टर ने वियतनाम को घटिया दवाओं की आपूर्ति के लिए मेडेन फार्मास्युटिकल्स के खिलाफ सोनीपत की अदालत में शिकायत दर्ज की थी। कंपनी के रैनिटिडीन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट (मंटैक-150) का एक नमूना विफल होने का आरोप लगाया गया था। कंपनी के निदेशक नरेश कुमार गोयल, तकनीकी निदेशक एक अदालती मामले का सामना कर रहे हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी।
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गाम्बिया में बच्चों की मौत के बाद फिर सुर्खियों में आई कंपनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चार भारतीय दवाओं को घातक घोषित किया है। ये चार दवाएं बच्चों में खांसी से जुड़ी हैं। गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के बाद कंपनी फिर से सुर्खियों में है। WHO के अलर्ट के बाद से कंपनी के रिकॉर्ड की जांच की गई है और नोटिस भी जारी किए गए हैं। सात दिनों के भीतर जवाब नहीं देने पर कंपनी को उसका लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी दी गई है।