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भारतीय सिरप के खिलाफ गाम्बिया सरकार ने छेड़ा अभियान

भारतीय सिरप के कारण गाम्बिया में 60 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा चेतावनी जारी की गई थी। इसके बाद गाम्बिया ने भारत की ओर से निर्मित इन कफ सिरप के खिलाफ डोर टू डोर कैंपेन शुरू किया है। इस कैंपेन में लोगों से इस कफ सिरप को अपने घर से हटा देने का अनुरोध किया जा रहा है।

देश के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गाम्बिया रेड क्रॉस सोसाइटी के साथ संयुक्त रूप से मिलकर डोर टू डोर कैंपेन के माध्यम से सैकड़ों युवाओं को इस संदिग्ध सिरप को जमा करने के लिए कहा गया है। एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गाम्बिया में हेल्थ डायरेक्टर मुस्तफा बिट्टाये के मुताबिक सभी बच्चों की मौत के कारणों को किडनी की गंभीर दिक्कत को बताया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO ) ने भारत की मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा निर्मित चार कफ सिरप को लेकर चेतावनी जारी की। डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत और किडनी की गंभीर समस्याओं के लिए कोल्ड-कफ सिरप जिम्मेदार हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, इस सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की अस्वीकार्य मात्रा होने की पुष्टि हुई है, जो मनुष्यों के लिए बेहद खतरनाक हैं।

WHO कंपनी और नियामक अधिकारियों के साथ मिलकर जांच कर रहा है। डब्ल्यूएचओ ने मेडिकल उत्पाद अलर्ट जारी करते हुए कहा, ‘कफ सिरप के चारों नमूनों के प्रयोगशाला परीक्षणों में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल के अस्वीकार्य स्तर का पता चला है।’ डब्ल्यूएचओ ने कहा कि दूषित उत्पाद अब तक केवल गाम्बिया में पाए गए हैं, लेकिन अन्य देशों में वितरित किए जाने की संभावना है। फिलहाल WHO कंपनी और रेगुलेटरी अथॉरिटीज के साथ मिलकर इसकी जांच कर रहा है।

शामिल इन 4 सिरपों के नाम

रिपोर्ट के अनुसार, दूषित उत्पादों में प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन, कोफ़ेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मैकॉफ़ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप शामिल हैं।

डब्ल्यूएचओ इन उत्पादों के उपयोग को असुरक्षित मानता है

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, यह सर्दी-खांसी की दवाई अब तक सिर्फ गाम्बिया में ही मिली है, लेकिन इसके अनौपचारिक बाजार के जरिए दूसरे देशों में पहुंचने की संभावना है। डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी एक बयान में इन उत्पादों के इस्तेमाल को असुरक्षित बताया गया है। खासकर ये दवाएं बच्चों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती हैं। जिससे लोगों को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसके इस्तेमाल से मौत भी हो सकती है। इसलिए ऐसी किसी भी दवा का प्रयोग न करें।

क्या कहती है केंद्र सरकार? क्या ये दवाएं भारत में बिकती हैं?

इन तमाम घटनाक्रमों के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है, ‘राज्य औषधि नियंत्रक ने संबंधित कंपनी को केवल चार दवाओं के निर्यात की अनुमति दी थी। इनमें प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन बीपी, कॉफ़ेक्सनालिन बेबी कफ सिरप, मैकॉफ़ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप शामिल हैं। इन दवाओं को भारत में बिक्री के लिए मंजूरी नहीं दी गई थी। इसलिए ये दवाएं भारत में नहीं बेची जाती हैं।”

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