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शिशुओं के लिए श्राप बनी सिरप

एक ओर जहां दुनियाभर में कोरोना महामारी के दौरान कई ऐसी दवाएं जीवनदायनी साबित हुईं तो वहीं हाल ही में बच्चों के लिए बनाई गई कफ सिरफ शिशुओं के लिए श्राप साबित हो रही है। सर्दी-खांसी के सिरप पीने से पश्चिमी अफ्रीकी देश गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत हो गई है। जिससे भारत में निर्मित कफ सिरप पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह दावा कर इन सिरपों का इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी दी है

 

अपने बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल करना सभी माता-पिता का कर्तव्य है। इसके लिए हम सभी अपने से भी ज्यादा अपने बच्चों का ख्याल रखते हैं। लेकिन अगर बच्चों को ठीक करने के लिए दी जाने वाली दवाएं हानिकारक हो जाती हैं तो माता-पिता के लिए चिंतित होना स्वाभाविक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हाल ही में जारी एक चेतावनी के बाद भारत में निर्मित कफ सिरप पर सवाल खड़े हो गए हैं।

डब्ल्यूएचओ की ओर से जताई गई शंका के बाद भारत सरकार ने इस कफ सिरप की जांच शुरू कर दी है। दरअसल भारत की एक दवा कंपनी द्वारा बनाए गए सर्दी-खांसी के सिरप पीने से पश्चिमी अफ्रीकी देश गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह दावा कर इन सिरप का इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी जारी की है। ये कफ सिरप भारत के हरियाणा की एक कंपनी में बनाए गए हैं। इन के सेवन से गांबिया में बड़े पैमाने पर बच्चों की मौत का दावा किया गया है। डब्ल्यूएचओ ने जारी रिपोर्ट में कहा कि खांसी की दवा डाइथेलेन ग्लाइकोल और इथिलेन ग्लाइकोलइंसान के लिए जहर की तरह हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसुस ने बच्चों की मौत का संबंध इन चार दवाओं से बताया है।

डब्ल्यूएचओ इसके लिए दवा कंपनी और भारत सरकार के नियम अधिकारियों के साथ इन दवाओं की जांच कर रहा है। अब तक खांसी की चार दवाओं की पहचान मौत के कारण के रूप में की गई है। इसके लिए दुनिया के बाकी देशों को भी चेतावनी जारी की गई है कि दोयम दर्जे के ये उत्पाद असुरक्षित हैं और खासकर बच्चों की मौत का कारण बन सकते हैं।

डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों को इन दवाओं को बाजार से हटाने की चेतावनी दी है। खुद भी इन देशों और संबंधित क्षेत्र की आपूर्ति शृंखला पर नजर रखने की बात कही है। डब्ल्यूएचओ की चेतावनी के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने तत्काल जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

क्या है मामला

अफ्रीकी देश गाम्बिया में हाल ही में 66 बच्चों की मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना सामने आई है। डब्ल्यूएचओ को संदेह है कि ये मौतें इन बच्चों को दी जाने वाली कफ सिरप के कारण हुई हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक डब्ल्यूएचओ ने इस संबंध मेंडीसीजीए (ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) को अलर्ट किया था। डीसीजीए ने इन सभी तरह के मामलों पर तुरंत हरियाणा प्रशासन से चर्चा कर जांच शुरू कर दी है।

मेडेन फार्मास्यूटिकल्स के साथ जांच जारी रिपोर्टों के मुताबिक ग्लोबल हेल्थ बॉडी ने कहा कि वह भारत में कंपनी और नियामक प्राधिकरणों के साथ आगे की जांच कर रहा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि चार उत्पादों में से प्रत्येक के नमूनों का प्रयोगशाला विश्लेषण पुष्टि करता है कि उनमें डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की अस्वीकार्य मात्रा है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कंपनी ने आज तक इन उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता की गारंटी नहीं दी है। चार उत्पाद नमूनों के प्रयोगशाला विश्लेषण ने पुष्टि की कि उनमें डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल के अस्वीकार्य स्तर थे। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि उत्पादों के सभी बैचों को तब तक असुरक्षित माना जाना चाहिए जब तक कि संबंधित राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरणों द्वारा उनका उचित परीक्षण नहीं किया जाता है।

अफ्रीका को किया जाता है कफ सिरप निर्यात

भारत में हरियाणा में उत्पादित, इन कफ सिरप को विदेशों में निर्यात किए जाते हैं, खासकर अफ्रीकी देशों में। इसी कफ सिरप को डब्ल्यूएचओ गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत से जोड़ रहा है। डब्ल्यूएचओ द्वारा संदेह जताया गया है कि यह कफ सिरप अफ्रीका के बाहर निर्यात किया गया हो सकता है।

क्या कहती है केंद्र सरकार? क्या ये दवाएं भारत में बिकती हैं?

इन तमाम घटनाक्रमों के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है, ‘राज्य औषधि नियंत्रक ने संबंधित कंपनी को केवल चार दवाओं के निर्यात की अनुमति दी थी। इनमें प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन बीपी, कॉफ़ेक्सनालिन बेबी कफ सिरप, मैकॉफ़ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप शामिल हैं। इन दवाओं को भारत में बिक्री के लिए मंजूरी नहीं दी गई थी। इसलिए ये दवाएं भारत में नहीं बेची जाती हैं।”

कौन-से हैं कोल्ड एंड कफ सिरप

डब्ल्यूएचओ के अनुसार सर्दी-खांसी के लिए ली जाने वाली इन दवाओं में प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन (Promethazine Oral Solution) कोफेक्समेलिन बेबी कफ सिरप, मैकॉफ बेबी कफ सिरप और मैग्रिप एन, मेडेन कोल्ड सिरप शामिल हैं। इन दवाओं को बनाने वाली कंपनियों के नाम अभी सामने नहीं आए हैं।

सिरप के विषाक्त प्रभाव

ऐसे खांसी सिरप के विषाक्त प्रभावों के कारण पेट दर्द, सिर दर्द, उल्टी, दस्त, पेशाब करने में कठिनाई, मानसिक स्थिति में परिवर्तन और गुर्दे को गंभीर नुकसान शामिल हैं। इनके कारण मृत्यु तक हो सकती है।

 

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