केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीते शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर(Jammu-Kashmir)में एक उच्चस्तरीय मीटिंग की थी। अब कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को वहां के नेताओं के साथ एक सर्वदलीय मीटिंग कर सकते हैं। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में राज्य में विधानसभा चुनाव से संबंधित चर्चा हो सकती है। अनुच्छेद 370 में संशोधन के बाद राज्य में यह इस संबंध में यह पहली सर्वदलीय बैठक होगी। बैठक में 16 राजनीतिक दलों के नेताओं को बुलाया गया है। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर भी बात हो सकती है।
5 अगस्त 2019 को विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म करने और दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद अब ऐसे अनुमान लगाए जा रहे हैं कि केंद्र की मोदी सरकार भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को लेकर तैयारी शुरू करने जा रही है। कई मीडिया रिपोर्ट के हवाले से ऐसा अंदाज़ा लगाया जा रहा है।शुक्रवार को समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से इस बात को लेकर ट्वीट भी किया।

पीटीआई ने लिखा है, “जून समाप्त होने से पहले केंद्र सरकार जम्मू और कश्मीर (Jammu-Kashmir)की सभी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ चर्चा चाह रही है ताकि राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए। इसके तहत केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी शामिल हैं।”
Central government likely to hold discussions with all regional parties in Jammu and Kashmir before end of June as part of its initiatives to bolster political processes, including holding assembly elections, in union territory: Officials
— Press Trust of India (@PTI_News) June 18, 2021
इस मामले पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने शुक्रवार को यह बताते हुए पुष्टि की है कि नई दिल्ली में ‘शीर्ष नेतृत्व’ से उनके पास 24 जून को एक बैठक में शामिल होने के लिए कॉल आया है। जम्मू-कश्मीर में ज़िला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों के बाद यह उम्मीद जताई जा रही थी कि विधानसभा चुनावों की तैयारियां भी जल्दी ही शुरू होंगी लेकिन यह कब तक होगी इसको लेकर संशय था।
लेकिन अब बैठक की ख़बर सामने आने के बाद ऐसा कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार विधानसभा चुनाव की सीटों के परिसीमन आदि की चर्चा के लिए पहले पार्टियों के साथ चर्चा कर लेना चाहती है।
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क्या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश दिया जा रहा है कि Jammu-Kashmir में सब सामान्य हैं?
ऐसा माना जा रहा है कि डीडीसी के चुनावों के बाद अब यह विधानसभा चुनाव कराने की रणनीति महज़ कश्मीर में सब ठीक है इस बात को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साबित करने का यह मात्र एक राजनीतिक कदम है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार स्थानीय नेताओं को साथ लेकर ही इन प्रक्रियाओं को शुरू करना चाहती है क्योंकि उनके बग़ैर राजनीतिक प्रक्रियाओं की बहाली संभव नहीं है। बीते सप्ताह गुपकार गठबंधन की बैठक के बाद नेशनल कॉन्फ़्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने भी कहा कि वे केंद्र के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं।
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शुक्रवार को अमित शाह ने की थी मीटिंग
अनुच्छेद 370 में संशोधन किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर(Jammu-Kashmir) में विकास को गति देने केंद्र सरकार तेजी से काम कर रही है। इस सिलसिले में शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वहां के उच्च अधिकारियों से मुलाकात की थी। गृह मंत्रालय में हुई इस मीटिंग में एनएसए अजीत डोभाल, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह सहित कई उच्चाधिकारी मौजूद थे। अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से भी मंत्रालय में ही मुलाकात की थी।

भाजपा और कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर(Jammu-Kashmir) इकाइयों के भी इन चर्चाओं का हिस्सा होने की संभावना है, जिन्हें केंद्र शासित प्रदेश में सामान्य राजनीतिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने के प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। 24 जून को होने जा रही इस बैठक को लेकर मोदी सरकार की ओर से आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में जारी राजनीतिक अस्थिरता दूर करने के प्रयास होंगे। यानी विधानसभा चुनाव करवाना पर भी मंथन हो सकता है।


