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Corona संकट के दौरान प्रिंट मीडिया पर बढ़ा विश्वास

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दुनिया भर में Corona काल में भी खबरों पर भरोसे का औसत स्तर बढ़ा है। भारत में केवल 38% लोगों का कहना है कि उन्हें ऑनलाइन समाचारों पर पूरा भरोसा है। भारत में आज भी अखबार और सरकारी खबरें सबसे भरोसेमंद हैं। समाचार विश्वसनीयता के मामले में फिनलैंड पहले स्थान पर है, जबकि अमेरिका विश्वसनीयता के मामले में सबसे नीचे है।  Corona काल में किए गए इस सर्वेक्षण से पता चलता है कि भारतीय मीडिया अधिक विश्वसनीय है।

रॉयटर्स इंस्टीट्यूट के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी स्टडी ऑफ जर्नलिज्म सर्वे में 46 देशों का सर्वे बुधवार को जारी किया गया है। फिनलैंड 65 प्रतिशत के साथ सूची में सबसे ऊपर है, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका 29 प्रतिशत के साथ सूची में सबसे नीचे है। भारत सूची में 31वें स्थान पर है। खास बात यह है कि इस साल पहली बार भारत को रिपोर्ट में शामिल किया गया है।

 

सर्वेक्षण में पाया गया कि भारत में एक लंबी परंपरा वाले प्रिंट मीडिया और टेलीविजन और ऑल इंडिया रेडियो सरकारी मीडिया की तुलना में अधिक भरोसेमंद थे। यह भी रेखांकित किया गया कि एकतरफा और सनसनीखेज टीवी मीडिया की तुलना में प्रिंट मीडिया पर अधिक भरोसा है।

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व्हाट्सऐप और ट्विटर ने रखे ग्राीवांस अधिकारी, जानिए कैसे दर्ज करें शिकायत

चार प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और इंस्टाग्राम ने भी कथित तौर पर मशहूर हस्तियों और प्रभावितों का सबसे अधिक ध्यान आकर्षित किया है। सर्वेक्षण में पाया गया कि मुख्यधारा के मीडिया/पत्रकार, राजनीतिक नेता/कार्यकर्ता, समाचार के छोटे या वैकल्पिक स्रोतों और आम जनता द्वारा इंटरनेट पर व्यक्तित्वों का अनुसरण किया जा रहा है।

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हालाँकि, सर्वेक्षण अंग्रेजी बोलने वाले और ऑनलाइन समाचार दर्शकों तक सीमित है, इसलिए इसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधि नहीं कहा जा सकता है। सर्वेक्षण मीडिया की विशाल और विविध दुनिया के एक छोटे से हिस्से तक सीमित था।

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत आठवें स्थान पर है, उसके बाद थाईलैंड का स्थान है। 50 प्रतिशत थाई लोगों का कहना है कि वे इस खबर पर विश्वास करते हैं।

झूठी सूचनाओं को लेकर बढ़ी चिंता

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सर्वेक्षण के अनुसार, इस वर्ष दुनिया भर में झूठी और भ्रामक सूचनाओं के बारे में चिंताएं बढ़ रही हैं। ब्राजील में यह दर 82 प्रतिशत और जर्मनी में 37 प्रतिशत थी।

WhatsApp सबसे ज्यादा गुमराह करने वाला

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सर्वे में सामने आया कि Corona को लेकर सबसे ज्यादा गलत सूचना व्हाट्सएप के जरिए फैलाई जा रही है। लगभग 28% लोग व्हाट्सएप द्वारा गलत सूचना दिए जाने से चिंतित हैं। यह फेसबुक के लिए 16 फीसदी, यूट्यूब के लिए 14 फीसदी, गूगल जैसे सर्च इंजन के लिए 7 फीसदी और ट्विटर के लिए 4 फीसदी है।

Corona काल में हुए सर्वेक्षण में शामिल लगभग 73% लोगों ने अपने मोबाइल फोन पर समाचार पढ़ा। 80 प्रतिशत ने सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन स्रोतों के माध्यम से समाचार पढ़ा। 63 प्रतिशत ने व्हाट्सएप और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया के माध्यम से समाचार पढ़ा।

मोदी की दरकती छवि 

इस समय पूरे विश्व में Corona महामारी अपना कहर बरपा रही हैं। ऐसे में Corona महामारी से दुनिया के कई देशों की अर्थव्ययवस्था संकट में हैं। इससे अर्थव्यवस्था पर तो गंभीर असर पड़ा ही है साथ ही उद्योग क्षेत्र भी बुरी तरह से प्रभावित है। सबसे अहम बात तो ये हैं कि इलैक्ट्रॉनिक तथा डिजिटल मीडिया तो पहले से ही कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं और अब Corona ने तो प्रिंट मीडिया की कमर ही तोड़ दी है।

स्थिति इतनी विकराल हो चुकी हैं कि कई शहरों में अखबारों का वितरण पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। यह इतने मजबूर हो चुके हैं कि इन्हे अब पृष्ठों की संख्या भी कम करनी पड़ रही है। कई अखबारों और पत्रिकाओं को अपने प्रिंट संस्करण बंद करते हुए केवल डिजिटल संस्करणों का सहारा लेना पड़ रहा है। लेकिन इस बीच लोगों में प्रिंट मीडिया के प्रति बढ़ता विश्वास अख़बारों के लिए एक जीवनदान की तरह है।

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