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कैमल फ्लू’ की दहशत में दुनिया

 

कतर में खेले जा रहे फीफा वर्ल्ड कप में विश्व भर से तकरीबन 12 लाख लोग पहुंचे है। कतर से वापस आ रहे लोगों में कैमल फ्लू के लक्षण पाए गए हैं। कतर में कैमल फ्लू यानी रेस्‍पेरेटरी स‍िंड्रोम मर्स नामक जानलेवा बीमारी के फैलने का खतरा पूरी दुनिया पर मंडराने लगा है। बताया जा रहा है कि कैमल फ्लू ऊंटों के संपर्क में आने से फैलता है। ऐसे में खाड़ी देशों में इस बीमारी के फैलने का अंदेशा ज्यादा जताया जा है, क्योकि यहां लोगों द्वारा ऊंटों का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। जिससे दुनियाभर में दहशत का माहौल बना हुआ है। गौरतलब है कि कतर में चल रहे फीफी वर्ल्‍ड कप को देखने के ल‍िए दुन‍ियाभर से फुटबॉल प्रेमी लाखों की तादाद में पहुंच रहे हैं। ये फुटबॉल प्रेमी दुबई से लेकर खाड़ी के कई शहरों में भी जा कर रहे हैं। ब्र‍िटेन और ऑस्ट्रेलिया में इस बीमारी को कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। ब्रिटेन द्वारा इसके लिए अलर्ट जारी किया गया है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि कतर से लौट रहे लोगों के जरिए जानलेवा कैमल फ्लू फैल सकता है। यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (यूकेएचएसए) द्वारा भी डॉक्टरों से कहा गया है कि बुखार और सांस लेने में तकलीफ से पीड़ित लोगों का पता लगाया जाए । यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी के मुताबिक यूके के निवासियों के लिए संक्रमण का जोखिम बहुत कम है। लेकिन इस क्षेत्र के भीतर जोखिम कारकों के संपर्क में आने वालों में इसका खतरा बढ़ सकता है।

 

ऑस्ट्रेलिया हेल्‍थ म‍िन‍िस्‍ट्री ने किया आगाह

 

 

 

 

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ब्रिटेन के अलावा इस बीमारी के संदर्भ में ऑस्ट्रेलिया की हेल्‍थ म‍िन‍िस्‍ट्री ने भी एडवाइजरी जारी कर चुकी है। कैमल फ्लू के प्रसार को रोकने और इस बीमारी से बचाव के लिए ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर एडवाइजरी जारी कर कहा गया है क‍ि कतर से लौटने वाले प्रशंसकों को “मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम ” जैसी घातक बीमारी के बारे में मालूम होना चाहिए। ऑस्ट्रेलिया के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के मुताबिक इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को स्वच्छता का पालन करना होगा, ऊंटों के निकट जाने से बचने को भी कहा गया है। यही नहीं बिना पका हुआ मांस खाने की भी मनाही की गई है ,क्योकि डॉक्टरों के मुताबिक इससे संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है।

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन

 

 

दुन‍िभाभर में MERS के मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कोरोना वायरस की तरह ही मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम यानी MERS एक तरह का श्वसन रोग है जो कि एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है। ये बीमारी सबसे ज्यादा खाड़ी देशों में फैल रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व स्तर पर 2012 से 2022 तक MERS सीओवी के 2,600 मामलों की पुष्टि की है। जिसमें से 935 लोगों की जान भी जा चुकी है। डब्लूएचओ के मुताबिक कैमल फ्लू यानी MERS वायरस का पहला मामला वर्ष 2012 में सऊदी अरब में सामने आया था।

 

बीमारी के लक्षण

 

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कैमल फ्लू कोरोना वायरस की तरह ही एक संक्रम‍ण रोग है। इस बीमारी के चपेट में आने वाले संक्रम‍ित व्‍यक्‍त‍ि को सांस लेने में परेशानी होती है। व्यक्ति में सूखी खांसी, गले में खराश जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं। वहीं इसके मरीजों में न‍िमोन‍िया होने की आशंका ज्यादा रहती है। कुछ मरीजों में इसके लक्षण दस्त और पेट की समस्या के रूप में देखे गए हैं।

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