इन दिनों बुर्का पहनने पर बैन लगे या नहीं इसे लेकर यूरोपीय देश स्विट्जरलैंड में चर्चा जोरों पर है। लेकिन किसी सरकारी फरमान से इसका फैसला नहीं होगा इसका फैसला करेगी, वहां की स्थानीय जनता कि क्या बुर्का सार्वजनिक स्थानों पर पहनने की छूट होनी चाहिए ? इस पर उचित फैसला हो सके इसके लिए अब जनमत संग्रह करवाया जा रहा है। 7 मार्च को पूरे देश की जनता वोटिंग करेगी और फैसला करेगी कि बुर्के पर बैन लगे कि नहीं।
यदि बुर्के पर बैन लग जाता है तो मुस्लिम देशों का नाराज होना भी तय माना जा रहा है। रविवार को स्विट्जरलैंड में होने वाले जनमत संग्रह को लेकर माना जा रहा है कि अधिकतर लोग फेस कवरिंग पर रोक के पक्ष में ही वोटिंग करेंगे। दूसरी तरह इस बैन को लेकर मुसलमान अभी से नाराजगी व्यक्त करने लगे हैं।
यहां हैं पहले से ही बुर्का बैन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार , इस्लाम और मुस्लिम महिलाओं का इस प्रस्ताव में सीधे तौर पर कोई उल्लेख नहीं है। बल्कि प्रस्ताव में तो यह कहा गया है कि हिंसक प्रदर्शनकारियों और मास्क पहने बदमाशों पर लगाम कसने के उद्देश्य से यह फैसला लेना बेहद आवश्यक है। हालांकि, मुस्लिम संगठन इसे बुर्का बैन ही करार दे रहे हैं और उनका कहना है कि यह मुस्लिम महिलाओं की आजादी पर प्रहार है।
स्विट्जरलैंड में मुस्लिम आबादी के बारे में बहुत चर्चा हुई है। इस बार जनमत संग्रह के दौरान, लोगों से यह सवाल पूछा गया है कि किसी को सार्वजनिक स्थान पर अपना चेहरा नहीं ढंकना चाहिए, असपर आपकी क्या राय है?