हाल ही में ग्रीस के एक जाने-माने पत्रकार ने बेहद ही सनसनीखेज दावा किया था। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में तुर्की के राष्ट्रपति के नापाक इरादों का खुलासा किया। ग्रीस के इस पत्रकार का नाम एंड्रियास माउंटजौरौली है। अपनी रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की सहायता के लिए एर्दोगन कश्मीर में सीरिया के विद्रोही आतंकियों को भेजने की योजना बना रहे हैं। ग्रीस के पत्रकार का यह दावा अब सच्चाई में तब्दील होता दिखाई दे रहा है। क्योंकि जम्मू-कश्मीर में खूनखराबे की नापाक साजिश रच रहे तुर्की ने 100 सीरियाई हत्यारों को प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से जानकारी दी गई है कि देश के दक्षिणी हिस्से में स्थित मेर्सिन शहर में तुर्की की खुफिया सेवा इन आतंकियों को प्रशिक्षण दे रही है। बताया जा रहा है कि ये सभी किराए के हत्यारे हैं जो नागोर्नो-काराबाख और लीबिया के युद्ध में भी शामिल हुए थे। इस बीच इन आतंकियों ने कश्मीर भेजे जाने से पहले ही तुर्की और पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है।
सीरियाई हत्यारों ने तुर्की से पहले मांगे पैसे
ब्रिटिश अखबार मॉर्निंग स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर में भारतीय सेना के साथ जंग करने के लिए इन 100 आतंकवादियों को खास ट्रेनिंग दी जा रही है। हालांकि कश्मीर जाने से पहले ही सीरिया के कुख्यात सुल्तान मुराद ब्रिगेड के हत्यारों ने एक बड़ी शर्त तुर्की के एर्दोगान प्रशासन के सामने पेश कर दी है। मुराद ब्रिगेड की ओर से कहा गया है कि अभी तक उन्हें लीबिया और नागोर्नो-काराबाख में जंग लड़ने का पूरा पैसा नहीं दिया गया है।माना जा रहा है कि तुर्की की खुफिया सेवा की ओर से कश्मीर में खून खराबे के लिए एक-एक सीरियाई हत्यारे को 3 हजार डॉलर (दो लाख 21 हजार रुपये) महीना देने का वादा किया गया है। इससे पहले भी तुर्की द्वारा इन आतंकवादियों को अन्य खुफिया मिशन के लिए भी इतना ही पैसा देने का वादा किया गया था।
छद्म संगठन के नाम पर तुर्की भेजता है आतंकी
इन सभी खबरों के बीच तुर्की द्वारा आर्मीनिया और अन्य विवादित जगहों पर किराए के हत्यारों को भेजने जैसी सभी बातों का खंडन किया गया है लेकिन उसे सादात संगठन के छद्म नाम से आतंकियों को भेजने के लिए जाना जाता रहा है। मॉर्निंग स्टार के मुताबिक सादात संगठन एक निजी सुरक्षा कंपनी है जो तुर्की की सरकार की बेहद करीबी मानी जाती है। तुर्की सादात संगठन के आतंकवादियों को ट्रेनिंग देता है। इससे पहले पीओके कथित राष्ट्रपति मसूद खान ने कहा था कि तुर्की का आत्मनिर्णय में कश्मीरियों को समर्थन भारत सरकार को बहुत परेशान करता है। इस तरह से लीबिया, अजरबैजान, आर्मीनिया, यमन और दक्षिणी कुर्दिस्तान में खूनी खेल खेलने के बाद अब तुर्की के ये हत्यारे पाकिस्तान की मदद करने जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें : कश्मीर में सीरिया के विद्रोही आतंकियों को भेजने की योजना में तुर्की, ग्रीस के जाने-माने पत्रकार का खुलासा
उधर, कुर्दिश मीडिया वेबसाइट एएनएफ न्यूज के मुताबिक नागोर्नो-काराबाख तुर्की के विस्तार का लक्ष्य था। वहीं जम्मू-कश्मीर में इस्लामिक शासन की स्थापना खलीफा बनने की चाह रखने वाले तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन की मंशा है। एएनएफ न्यूज ने कहा कि पांच दिन पहले सीरियाई नैशनल आर्मी के ‘सुलेमान शाह ब्रिगेड’ के कमांडर मुहम्मद अबू अमशा द्वारा सीरिया में ऐलान किया गया था कि तुर्की चाहता है कि मिलिशिया को कश्मीर भेजा जाए।आतंकी अमशा ने कहा कि तुर्की के अधिकारी उससे और अन्य कमांडरों से चाहते हैं कि वे ऐसे वॉलंटियर्स की लिस्ट तैयार करें जो कश्मीर जाने के इच्छुक हैं। जो लोग कश्मीर जाने के लिए तैयार होंगे उन्हें लाखों रुपये उपहार में दिया जायेगा। कमांडर ने अपने गिरोह से कहा कि कश्मीर भी उतना ही पहाड़ी इलाका है जितना आर्मीनिया का नार्गोनो-काराबाख है।
कश्मीर पर कब्जे की तैयारी में पाक!
सीरिया के अन्य जगहों जैसे अजाज, जराब्लुस, बाब और इदलिब में भी कश्मीर में खूनी खेल खेलने के लिए इसी तरह की आतंकियों की भर्ती हो रही हैं। गुपचुप तरीके से इन सबको देश के बाहर पहुँचाया जाता है। एएनएफ द्वारा कहा गया है कि पाकिस्तान भी नागोर्नो-काराबाख की तरह से कश्मीर में हमले की फिराक में है। मालूम हो इन सीरियाई आतंकवादियों को तुर्की ऐसे समय पर भेज रहा है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम सीमा पर है। इससे पहले खुद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो ने इस बात की पुष्टि की थी कि तुर्की और पाकिस्तान दोनों ने अजरबैजान का साथ देते हुए आर्मीनिया पर हमले के लिए भाड़े के हत्यारे वहां भेजे थे।