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कश्मीर में सीरिया के विद्रोही आतंकियों को भेजने की योजना में तुर्की, ग्रीस के जाने-माने पत्रकार का खुलासा

पाकिस्तान हमेशा से कश्मीर में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में रहता है। इसके लिए पाकिस्तान किसी भी हद तक जाने को तैयार है। पाकिस्तान कई बार अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर मुद्दे पर अपनी बात रखता आया है और इसमें तुर्की पाकिस्तान का समर्थन पर करता आया है। भारत विरोधी साजिशों में कई इस्लामिक देश पाकिस्तान का सहयोग करते हैं। इन्हीं देशों में से एक देश है तुर्की। तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन का पाकिस्तान प्रेम दुनिया से छिपा नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र फोरम से भी एर्दोगन द्वारा कई बार कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया गया है। अब ग्रीस के एक जाने-माने पत्रकार ने बेहद ही सनसनीखेज दावा किया है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में तुर्की के राष्ट्रपति के नापाक इरादों का खुलासा किया है। ग्रीस के इस पत्रकार का नाम एंड्रियास माउंटजौरौली है। अपनी रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की सहायता के लिए एर्दोगन कश्मीर में सीरिया के विद्रोही आतंकियों को भेजने की योजना बना रहे हैं। इस योजना को सफल बनाने के लिए तुर्की के अधिकारियों की ओर से कई आतंकी गुटों से वार्ता की गई।

सीरियन नेशनल आर्मी के कमांडर ने बताया तुर्की की चाल

एंड्रियास माउंटजौरौली ने ग्रीस की न्यूज वेबसाइट Pentapostagma पर प्रकाशित हुए अपने लेख में लिखा है कि कुछ दिन पहले ही अपने साथी मिलिशिया सदस्यों से सीरियन नेशनल आर्मी मिलिशिया के सुलेमान शाह ब्रिगेड्स के कमांडर मुहम्मद अबू इम्सा ने कहा कि कश्मीर में तुर्की यहां से अपने कुछ यूनिट्स को तैनात करना चाहता है। बता दें कि सुलेमान शाह ब्रिगेड्स को तुर्की का खुला समर्थन है, जिसका उत्तरी सीरिया के अफरीन जिले पर पूरा नियंत्रण है।

कश्मीर जाने वाले आतंकियों को तुर्की देगा 2000 डॉलर

सुलेमान शाह ब्रिगेड के कमांडर अबू इम्सा की ओर से बताया गया कि तुर्की के अधिकारी सीरिया के अन्य हथियारबंद गिरोहों से इस विषय में बात कर रहे हैं। वे गिरोह के कमांडरों से उन लोगों के नाम को लेकर बात कर रहे हैं जो कश्मीर जाना चाहते हैं।

सबसे खास बात तो यह है कि अबू इम्सा ने ये भी कहा है कि जो आतंकी कश्मीर जायेगा उसे तुर्की की तरफ से 2000 डॉलर की राशि का भुगतान किया जाएगा। कमांडर ने अपने गिरोह से कहा कि कश्मीर भी उतना ही पहाड़ी है जितना आर्मीनिया का नार्गोनो काराबाख है।

रिपोर्ट में लिखा है कि तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन मुस्लिम दुनिया के सबसे बड़े नेता बनने के प्रयास कर रहे हैं। राष्ट्रपति एर्दोगन ऐसे कदम सऊदी अरब के इस्लामिक वर्ल्ड पर प्रभुत्व को चुनौती देने के मकसद से उठा रहे हैं। पत्रकार ने यहां तक लिखा है कि एर्दोगन कश्मीर मुद्दे में भारत को धमकी भी तक दे रहे हैं। उन्होंने लिखा कि तुर्की लंबे समय से भूमध्य सागर क्षेत्र में ग्रीस, साइप्रस और इजिप्ट के खिलाफ आक्रामक तैयारियों में जुटा हुआ है।

पड़ोसी देशों की जमीन हड़पना तुर्की और पाकिस्तान का मकसद

ग्रीस के पत्रकार ने दावा किया है कि तुर्की और पाकिस्तान आपस में रक्षा सहयोग को बढ़ाकर दूसरे देशों की जमीन कब्जाना चाहते हैं। हाल में ही शील्ड ऑफ मेडेटेरियन युद्धाभ्यास के दौरान पाकिस्तानी लड़ाकू विमान तुर्की पहुंचे थे। उनका कहना है कि राष्ट्रपति एर्दोगन पाकिस्तान की सहायता लेकर से ग्रीस की जमीन पर कब्जा करने की फिराक में है। इसलिए ही वह कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का सहयोग कर रहे हैं और अब आतंकी गुटों को कश्मीर भेजने की योजना बना रहे हैं।

आर्मीनिया के खिलाफ तुर्की ने भेजे थे आतंकी

गौरतलब है कि तुर्की ने आर्मीनिया के साथ लड़ाई में खुलकर अजरबैजान की मदद की। यही तक नहीं तुर्की ने सीरिया में अपने सहयोगी आतंकी संगठन के लड़ाकों को काराबाख में लड़ाई के लिए तैनात भी किया था। इसकी पुष्टि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो ने की थी। ‘किलिंग मशीन’ कहे जाने वाले इन आतंकवादियों को मुस्लिम देश अजरबैजान के पक्ष में ईसाई देश आर्मीनिया से युद्ध के लिए काफी पैसा भी आवंटित किया गया था।

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