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इजरायल में राजनीतिक अस्थिरता, नेतन्याहू नहीं बना सके सरकार

बेंजामिन नेतन्याहू क्या अपनी कुर्सी बचा पाएंगे?

इजरायल मे इस समय राजनीतिक माहौल काफी बिखरा हुआ है। देश के लोग दो साल में संसदीय चुनाव के लिए चार बार वोटिंग कर चुके है। लेकिन हर बार उन्हें स्थिर सरकार नहीं मिल पा रही। किसी भी बड़े दल को इजरायल में सरकार बनाने के लिए छोटे दलों का साथ लेना होता है। पू्र्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछली बार छोटे दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन उनकी सरकार ज्यादा दिन नहीं चली। लिकुड़ पार्टी के प्रमुख नेतन्याहू की पार्टी को इस बार भी पूर्ण बहुमत नहीं मिला और उनकी सरकार बनाने की समयविधि मंगलवार को पूरी हो चुकी है। अगर बेंजामिन सरकार नहीं बना पाए तो उनकी पार्टी को 12 सालों में पहली बार विपक्ष में बैठना पड़ सकता है।

23 मार्च से नेतन्याहू संसद में बहुमत हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अपने कई विरोधियों से बार-बार की मुलाकात के बावजूद इस्लामिस्ट अरब पार्टी के नेता से सुलह की कोशिशों में चार हफ्ते के समय में भी नेतन्याहू सरकार बनाने को लेकर कोई समझौता नहीं कर पाए हैं। चार हफ्तों की मोहल्लत के बाद भी बेंजामिन नेतन्याहू सरकार नहीं बना सके, जिसके चलते अब मामला इजरायल के राष्ट्रपति रुवेन रिवलिन के पास चला गया है। राष्ट्रपत रुवेन बेंजामिन को सरकार बनाने के लिए दो हफ्ते और दे सकते है। इसके साथ ही वह किसी विपक्षी पार्टी को भी सरकार बनाने के लिए मौका दे सकते है।

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अगर कोई भी पार्टी सरकार बनाने में विफल रहती है तो वह इस मामले को संसद भेज सकते है। अगर मामला संसद तक जाता है तो संसद के सांसदों को प्रधानमंत्री चुनने का अवसर मिल सकता है। इतने विकल्प भी अगर असफल रहे तो इजरायल के लोगों को संसदीय चुनाव के लिए एक बार फिर वोटिंग के लिए तैयार हो जाना चाहिए। बता दे इजरायल में संसदीय चुनाव 23 मार्च को हुए थे। इन चुनावों में बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर ऊभरी थी। सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राष्ट्रपति ने बेंजामिन को सरकार बनाने के लिए चार सप्ताह का समय दिया था, जो मंगलवार को समाप्त हो गया।

लिकुड पार्टी को 30 सीटें मिली थी। यश अटिड दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। याईर लापेड की इस पार्टी को 17 सीटें मिली। इजरायल की संसद में 120 सीटें है। किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 61 सीटें जीतनी पड़ती हैं। पूरे इजरायल और उसके कब्जे वाले वेस्ट बैंक में मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे। इजरायल में कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 6.5 मिलियन है। देश में पिछले दो सालों से राजनीतिक अस्थिरता के कारण कोई सरकार लंबे समय नहीं चल पा रही। इसलिए पिछले दो साल में देश के लोगों ने चौथी बार संसदीय चुनाव के लिए मतदान किया।

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