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चीन के मकड़जाल में फसता जा रहा पाकिस्तान 

कहते हैं कि चित भी मेरी और पट भी मेरी। कुछ इस तरह की चाल चीन चल रहा है। पहले तो उसने दुनियाभर में कोरोना फैलाया और अब गरीब मुल्कों को कह रहा है कि मुझेसे  लोन लेकर मेरी वैक्सीन खरीदो । ऐसे में पड़ोसी देश पाकिस्तान में इमरान खान जब से देश के प्रधानमंत्री बने हैं तब से दिक़्क़तों का सामना कर रहे हैं। कभी  सीमा विवाद तो कभी देश की खस्ता हाल अर्थव्यवस्था उनकी चुनौती बनी हुई है। विपरीत हालत में अब जब पूरी दुनिया कोरोना  जंग लड़ रही है वहीँ चालबाज चीन से पूरी दुनिया वाकिफ है। पाकिस्तान को अपने कर्ज के मकड़जाल में फंसाकर चीन अब उसके साथ सौदेबाजी पर उतर आया है। पाकिस्तान को कोरोना  से बचाव की वैक्सीन देने के बदले में बेल्ट एंड रोड अभियान (बीआरआइ) से जुड़ी कई परियोजनाओं को स्वीकृति देने की शर्त रख दी है।

पाकिस्तान ने अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते पूर्व में बीआरआइ की कई परियोजनाओं को अनिश्चित काल के लिए टाल दिया था,,लेकिन कोरोना से बचाव के लिए चीनी वैक्सीन लेने को मजबूर  पाकिस्तान को चीन की यह शर्त माननी पड़ी है।

बीआरआइ चीन का महात्वाकांक्षी अभियान

बीआरआइ चीन का महात्वाकांक्षी अभियान है जिसके चलते वह आधारभूत ढांचे के विकास के लिए विभिन्न देशों को कर्ज देता है। इसके बदले में उस परियोजना का ठेका चीन की कंपनी को दिया जाता है और उसमें सारा कच्चा माल भी चीन का ही लगता है। इन परियोजनाओं के जरिये चीन अपने आर्थिक और रणनीतिक हित साधता है। चीन ने पाकिस्तान में बीआरआइ के अंतर्गत आधारभूत ढांचे के विकास के लिए बड़ी धनराशि का निवेश कर रखा है। कई परियोजनाएं स्वीकृति या काम शुरू होने के इंतजार में हैं।

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इमरान खान सरकार ने कई महीने पहले समीक्षा के बाद तंगहाली के चलते नई परियोजनाओं को शुरू करने पर रोक लगा दी थी। अब चीन वैक्सीन के बदले इन परियोजनाओं को स्वीकृत और शुरू करने के लिए दबाव डाल रहा है।

इससे पहले दक्षिण चीन सागर विवाद में साथ देने के लिए चीन ने कंबोडिया और लाओस को इनाम के तौर पर वैक्सीन दी। इसके अतिरिक्त फिलीपींस को भी दस लाख खुराकों की आपूर्ति की गई है। चीन अब अपनी सरकारी कंपनी द्वारा विकसित वैक्सीन साइनोफार्म को खरीदने के लिए विभिन्न देशों को कर्ज दे रहा है।

आसान शर्तों पर एक अरब डॉलर (करीब 7,400 करोड़ रुपये) का कर्ज लातिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों को दिया गया है। ऐसा कर चीन अपनी बीआरआइ परियोजनाओं के लिए रास्ता बना रहा है। साथ ही देशों के साथ द्विपक्षीय संबंध भी मजबूत करते हुए अपनी वैक्सीन बेच रहा है।

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