उइगर और उत्सुल मुसलमानों के लिए चीन में रहना अब एक चुनौती बन गया है। चीन में बिताया हर दिन अब इनके लिए नरक सा साबित हो रहा है। दमनकारी चीन उइगर मुसलमानों का तो दमन करने में जुटा ही हुआ है वहीं अब चीन उत्सुल मुस्लिमों के अस्तित्व को भी खत्म करने में जुट गया है। चीन ने मुस्लिमों पर दमन की सारी हदें पार कर दी हैं।
उइगर मुस्लिमों के लिए चीन के कई प्रांतों में बने प्रशिक्षण केंद्र अब यातना के अड्डे बन चुके हैं। इन शिविरों में अत्याचार की निर्ममता का खुलासा किया है प्रशिक्षण केंद्र में पढ़ाने गई एक शिक्षिका ने। वैसे तो चीन के प्रशिक्षण केंद्रों में उइगर मुसलमानों के साथ हो रहे है अत्याचार के कई किस्से सुनने को मिलते हैं। लेकिन इन सभी खबरों और दावों को चीन हमेशा से नकारता आया है। जबकि अमेरिका सहित कई देश इस तरह के मामले सामने आने के बाद चीन को मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाला करार दे चुके हैं। लेकिन चीन की कायराना हरकतें बंद नहीं हो रही हैं।
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इस बीच अब एक शिक्षिका द्वारा हैरान करने वाला खुलासा किया गया है। दरअसल, चीन के द्वारा प्रशिक्षण केंद्र में कैद लोगों को पढ़ाने गई एक शिक्षिका ने चीन के प्रशिक्षण केंद्र को यातना केंद्र कहा है। उन्होंने बताया कि यहां उइगर मुस्लिमों को जंजीरों से बांधकर कर रखा जाता है। महिलाओं के साथ बलात्कार तो यहां बेहद ही छोटी और आम बात हो चली है।
शिक्षिका ने किया यह खुलासा
जानकारी के अनुसार, चीनी सरकार के शिनजियांग स्थित दो प्रशिक्षण केंद्र हैं।जिनमें से एक में शिक्षिका क्विलबिनर सिदिक को तैनात किया था। उन्हें इन केंद्रों में रह रहे कैदियों को पढ़ाना था जिसके लिए उन्होंने यहां तीन महीने बिताए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने एक उइगर महिला को चीनी सैनिकों द्वारा स्ट्रेचर पर इमारत से बाहर ले जाते हुए करीब से देखा था। चीनी सैनिकों द्वारा जिस महिला को इमारत से बाहर लेकर जाया जा रहा था। उसके चेहरे से सारी चमक खत्म हो चुकी थी। वह बिल्कुल बेजान सी प्रतीत हो रही थी। महिला की मौत हो चुकी है इसकी जानकारी एक पुलिसकर्मी ने उन्हें दी। हालांकि, उसने मौत की वजह नहीं बताई। शिक्षिका के मुताबिक, उसे साल वर्ष 2017 के दौरान दो प्रशिक्षण केंद्रों में जबरन तैनात किया गया था।
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अत्याचार के तरीकों पर चर्चा करते हैं पुलिसकर्मी
शिक्षिका के मुताबिक, रात के वक्त पुरुष पुलिसकर्मी जब प्रशिक्षण केंद्रों में तैनाती करते थे, उस दौरान वह एक-दूसरे से अपने-अपने ढंग से अत्याचार के नए तरीकों पर बात किया करते थे। वे एक दूसरे से शेयर करते थे कि किस तरह उन्होंने महिलाओं का उत्पीड़न किया। चीन में रहकर किसी नागरिक के द्वारा ऐसा खुलासा किया जाना सरल नहीं हैं। सिदिक शिनजियांग में पली-बढ़ी और उन्होंने 28 साल तक बच्चों को पढ़ाया है। फिलहाल वह नीदरलैंड में रह रही हैं। इसलिए उन्होंने चीन की करतूत का खुलासा किया। सिदिक ने बताया वर्ष 2017 के दौरान उन्हें चीन के एक सरकारी कार्यालय में बुलाया गया और कहा गया कि अब उन्हें ‘अनपढ़ों’ को पढ़ाना होगा।
कैदियों को इस तरह से प्रताड़ित किया जाता है
शिक्षिका ने बताया कि मार्च 2017 के दौरान वह पहली बार प्रशिक्षण केंद्र पहुंची। उन्होंने वहां लगभग 100 पुरुषों और कुछ महिलाओं से नए छात्रों के रूप में मुलाकात की। वे जंजीरों से बंधे थे और उनके हाथ-पैर कांप रहे थे। जब सिद्दीक ने उसे पढ़ाने के लिए चॉक उठाया, तो उसकी आँखों से आँसू छलक पड़े।
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चीनी अधिकारियों ने पति को दी धमकी
सिदिक का कहना है कि जब उन्होंने मामले की जानकारी मीडिया को दी, तो कुछ चीनी अधिकारी उनके घर पहुंचे। यहां तक कि उन्होंने सिदिक के पति को धमकी भी दी। साथ ही आरोपों को झूठा साबित करने के लिए वीडियो बनाने को कहा। सिदिक ने कहा कि मेरे पति ने मुझे शिनजियांग लौटने के लिए कभी नहीं कहा। उन्होंने मुझे WeChat पर ब्लॉक कर दिया है। मुझे नहीं पता कि अब वह जीवित भी है या नहीं।