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जुमे के दिन सूअर का मांस खाने के लिए उइगर मुसलमानों को मजबूर कर रहा चीन 

चीन की कायराना हरकतें दुनिया की नजरोंं से छिपी नहीं हैं । चीन की चालबाजियों से भारत समेत कई देश परेशान हैं। लेकिन वह फिर भी बाज नहीं आ रहा है। चीन में उइगर मुसलमानों के साथ अन्याय की खबरें अक्सर आती रही हैं। अब चीन उइगर मुसलमानों को जबरदस्ती सूअर का मांस खाने के लिए मजबूर कर रहा है।इतना ही नहीं चीन की सरकार द्वारा उइगर लोगों पर नज़र रखने के लिए सरकारी डेटा एजेंसी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

उइगर मुस्लिमों के खिलाफ चीन की दमनकारी नीति इतनी बढ़ गई है कि वह अब वह मानवता की सीमाएं लांघ चुका है। हर शुक्रवार, जोकि मुस्लिम सम्प्रदाय में बेहद पवित्र दिन माना जाता है। उसी दिन को चीन उइगर मुस्लिमों को री एजुकेशन कैंप में सूअर का मांस खाने को मजबूर रहा है।

इसी बीच चीन के नजरबंदी कैंप से लीक हुई कैदियों की एक दुर्लभ सूची से हैरान करने वाला खुलासा हुआ है । सूची से पता चला है कि किस प्रकार उइगर मुस्लिम एक सरकारी डेटा प्रोग्राम का निशाना बनाए जा रहे हैं। इसके जरिए उन्हें ऐसे अपराधों के लिए हिरासत में लिया जा रहा है। जिसमें युवा होना या दूसरे देश में रह रहे अपने भाई या बहन से बात कर लेना सम्मिलित है।

शिंजियांग इलाके में सूअर पालन को दिया जा रहा बढ़ावा

ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) को एक डेटाबेस मिला है जिससे जानकारी मिली है कि कैसे चीन शिनजियांग प्रान्त में चीनी अधिकारी डेटा आधारित पुलिसिंग नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा है। इस तकनीक से लोगों के व्यक्तिगत नेटवर्क, उनकी ऑनलाइन गतिविधियां और दैनिक जीवन को ट्रैक किया जा रहा है।

सामने आई लिस्ट में करीबन 2 हजार से ज्यादा उइगर मुसलमानों का डेटाबेस है जिन्हें अक्सू प्रांत में 2016 से 2018 के बीच नजरबंदी कैंपों में हिरासत में रख रखा है। यहां अधिकतर लोगों को हिरासत में केवल इसलिए रखा गया है क्योंकि इंटीग्रेटेड जॉइंट ऑपरेशन प्लेटफार्म (IJOP) द्वारा उन्हें संदिग्ध करार दिया गया है।

जबरदस्ती सूअर का मांस खिलाने वाली चीन सरकार की हरकत का शिकार रहीं स्वीडन की शिक्षक और डॉक्टर सयारगुल सौतबे द्वारा इसका खुलासा किया है।  उन्‍होंने बताया कि अगर कोई उइगर मुस्लिम सूअर का मांस खाने से इंकार कर देता है तो उसे कठोर सजा दी जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि इस कृत्य के लिए चीन द्वारा शिंजियांग इलाके में सूअर पालन को बढ़ावा भी दिया जा रहा है।

बता दें कि चीन इनपर निगरानी रखने के लिए IJOP की सहायता ले रहा है। ये एक व्यापक डेटाबेस है जिसमें स्वचालित ऑनलाइन निगरानी से प्राप्त डेटा शामिल है और ये जानकारी अधिकारियों द्वारा मैनुअल रूप से एक खास ऐप में दर्ज की जाती है। इसमें किसी व्यक्ति के शारीरिक विशेषताओं से लेकर उसकी कार के रंग और घर के सामने या पीछे के दरवाजे से आने-जाने की आदत के अलावा उनके द्वारा ऑनलाइन उपयोग किए जाने वालेसॉफ्टवेयर और उनके नियमित संपर्क की जानकारी सब आसानी से हैक किया जा सकता है।

‘हर शुक्रवार को हमें सूअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया जाता है’

चीन के एक शोधकर्ता माया वांग कहती हैं कि सामने आई लिस्ट बताती है कि किस प्रकार चीन शिनजियांग के तुर्क मुसलमानों का दमन करने के लिए प्रौद्योगिकी का सहारा ले रहा है। हिरासत में लेने के कारणों में आमतौर पर गैर-भरोसेमेंद” या “1980 के बाद पैदाइश” जैसे कारण शामिल हैं।

सयारगुल ने अलजजीरा को दिए इंटरव्‍यू में कहा, “हर शुक्रवार को हमें सूअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया जाता है…उन्‍होंने जानबूझकर शुक्रवार का दिन चुना है जो मुस्लिमों के लिए पवित्र दिन माना जाता है। अगर आप ऐसा करने से मना कर देते हैं तो आपको कड़ी सजा दी जाती है। ” सयारगुल सौतबे स्‍वीडन में पेशे से चिकित्‍सक और शिक्षक हैं। हाल ही में उन्‍होंने अपनी एक किताब प्रकाशित की है और इसमें अपने साथ हुई यातनाओं और पिटाई के बारे में लिखा है।

चीन के मुसलमानों की निगरानी के लिए चीनी कंपनी हुवावे एक अन्य कंपनी मेगवी के साथ मिलकर एक फेशियल रिकग्निशन सिस्टम (चेहरा पहचानने की प्रणाली) पर काम कर रही है। प्रमुख वीडियो सर्विलांस इन्फॉर्मेशन स्रोत IPVM की ओर से अपनी नई रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। हुवावे कंपनी की यूरोपीय वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से होस्ट की गई एक “गोपनीय” रिपोर्ट पर आधारित है।

IPVM के शोधकर्ताओं के अनुसार,  हुवावे की ओर से मेगवी फेस रिकग्निशन का परीक्षण कंपनी के वीडियो क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर पर किया गया  है। उइगर मुसलमानों को पहचानने और पुलिस को सतर्क करने वाला एक सिस्टम कथित तौर पर परीक्षण में पास हो चुका है।

यह भी पढ़े : दुनिया में कोरोना की मार लेकिन चीन के निर्यात में बंपर वृद्धि

‘पाकिस्‍तान के साथ संबंधों को लेकर पूछताछ’

इसी तरह चीन के दमन से परेशान हुई एक महिला बिजनसमैन जुमरेत दाउत हैं जिन्‍हें मार्च 2018 में उरुमेकी में पकड़ा गया था। उन्होंने बताया कि दो महीने तक उनसे केवल पाकिस्तान के साथ संबंधो को लेकर पूछताछ जारी रखी गई। पाकिस्तान को लेकर पूछताछ का कारण यह था कि उनके पति पाकिस्तान से थे। चीनी अधिकारियों द्वारा उनके बच्‍चों की संख्‍या, धर्म और कुरान के पढ़ने के बारे में जानकारी ली गई। उनका कहना है कि क्रूरता इतनी थी कि एक बार उनको कैंप के पुरुष अधिकारियों से शौचालय जाने के लिए दया की गुहार तक लगानी पड़ी। जिसके बाद उन्‍हें शौचालय तो जाने दिया गया लेकिन उनके हाथ बंधे ही रखे गए और पुरुष अधिकारी शौचालय तक उनक पीछा करते हुए गए थे।

दाउत ने सूअर का मांस खाने को लेकर कहा कि उइगर मुस्लिमों के शिविर में पोर्क को परोसा जाता है। उन्‍होंने कहा, इस यातना शिविर में आपकी मर्जी नहीं होती कि आपको क्या खाना है क्या नहीं खाना है। यहां जीवन-यापन के लिए आपको जो दिया जा रहा है वही खाना पड़ता है।

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