टेक्नोलॉजी के साथ आज दुनियाभर के तमाम देश आगे बढ़ते जा रहे हैं। नई पीढ़ी कदम से कदम मिला रही है। टेक्नोलॉजी क्षेत्र में रूस ,अमेरिका ,जापान , चीन ,सहित कई देशों में रोबोटिक्स का काफी विकास हुआ है। हॉलीवुड फिक्शन फिल्मों में इंसानों की शक्ल में स्प्रेसक्राफ्ट उड़ाने से लेकर चिकित्सीय सहायता ,औद्योगिक कार्यों से लेकर घरेलू कार्यों तक रोबोट का जलवा दर्शकों को रोमांचित करता है। लेकिन अब यही चीज असल जिंदगी में कई देशों का हिस्सा बन चुकी हैं।
रोबोट का सबसे ज्यादा प्रयोग एशिया प्रशांत में किया जा रहा है। पश्चिमी देशों के मुकाबले एशिया प्रशांत और खासतौर पर पूर्वी एशिया के देश रोबोट के इस्तेमाल में सबसे आगे हैं। साल 2019 से 2024 के दौरान इन रोबोट्स के इस्तेमाल देशों में काफी ज्यादा किए गए हैं। इसके अलावा मौजूदा समय में घरेलू काम काज से लेकर आद्योगिक कार्यों के लिए इन रोबोट्स की मांग वैश्विक बाजार में बढ़ गई है। रोबोट्स को घरेलू कामों यानी चाय नाश्ता आदि बनाकर सर्व करने, बुजुर्गों और बच्चों की देखभाल करने साथ ही घर-बगीचे आदि की साफ सफाई और देखरेख के काम में एशिया प्रशांत के देशों में रोबोट्स की भागीदारी बढ़ी है। इसके साथ यह संभावना भी है की आने वाले दिनों में ये मांग और भी बढ़ सकती है।
इन देशों में सबसे ज्यादा रोबोट का इस्तेमाल
चीन, जापान और दक्षिणी कोरिया में इंसानों के कामों की सहायता के लिए सबसे ज्यादा रोबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है। रोबोट का इस्तेमाल करने वाले देशों में चीन सबसे आगे है। भारत फिलहाल औद्योगिक क्षेत्र से लेकर घरेलू जरूरतों तक में रोबोट की भागीदारी बहुत अधिक नहीं हैं।
क्यों बढ़ रही है रोबोट की मांग?
ऑटोमेटिक मशीनें इंसानों की पसंद बनती जा रही हैं, क्योंकि इनसे लोगों का काम आसान हो जाता है और इससे समय की बचत भी होती है। वहीं इसके अतिरिक्त विकसित देशों में खास तौर पर ह्यूमन लेबर की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है। रोबोटस की मांग का एक कारण यह भी है कि इससे समय की बचत होती है। साथ ही कोविड महामारी के बाद बदले परिदृश्य में सुरक्षा चिंताएं भी एक ऐसा कारण हैं, जो रोबोटिक की मांग को वैश्विक बाजार में बढ़ाने में मददगार बनी हैं।