हांगकांग में जब से नया सुरक्षा कानून लागू हुआ तब से चीन के अत्याचार और बढ़ गए हैं। चीन की हरकतें किसी से छिपी नहीं हैं। चीन में उइगर मुसलमानों के साथ हो रहे अत्याचार से पूरी दुनिया अवगत है। वहीं हांगकांग के लोग भी अब चीन के अत्याचार सहन करके थक चुके हैं और हांगकांग छोड़कर भाग जाने के प्रयास में लग गए हैं। कई युवा अब हांगकांग को छोड़कर कहीं और बस जाना चाहते हैं। वहीं दूसरी ओर हांगकांग एक्टिविस्ट ब्रिटेन-अमेरिका से मदद मांग रहे हैं।
दरअसल, चीनी पुलिस हांगकांग में नए कानून के तहत लोगों को प्रताड़ित कर रही है। पुलिस फर्जी आरोपों में किसी को भी हिरासत में ले रही हैं और उन्हें दण्डित किया जा रहा है। ऐसे ही एक मामले में चीनी सरकार की ओर से अमेरिका के दबावों की परवाह न करते हुए नाव से देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे हांगकांग के 10 लोगों के खिलाफ अदालती कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। गौरतलब है कि अगस्त के महीने में हांगकांग के कई प्रदर्शनकारी स्पीडबोट से हांगकांग छोड़ने का प्रयास कर रहे थे, तब चीनी पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।
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दो नाबालिगों पर भी चलेगा मुकदमा
इन 10 आरोपियों के अतरिक्त दो नाबालिगों पर अलग से मुकदमा चलने की आशंका जताई जा रही है। ये नाव ताइवान जा रही थी लेकिन 23 अगस्त को चीनी तट रक्षक द्वारा बीच में हिरासत में ले लिया गया। इन 12 लोगों के परिवारों का कहना है कि उन्हें अपना वकील लाने से रोका गया है। वे इन आरोपों को राजनीति बता रहे हैं। इस मामले में चीन ने अमेरिका समेत अन्य देशों को चेतावनी दी है कि दूसरे मुल्क दखलंदाज़ी न करें।
एक लंबे समय तक लोकतंत्र के समर्थन में विरोध प्रदर्शन का हिस्सा रहे प्रदर्शनकारी अब दूसरे देशों से मदद की गुहार लगा रहे हैं और शरण देने का आग्रह कर रहे हैं। कुछ लोग शरण मांगने हांगकांग के अमरीकी वाणिज्य दूतावास पहुंचे। लेकिन दूतावास से भी लोगों को कोई मदद नहीं मिल रही है। फ़िलहाल ब्रिटेन और अमेरिका ने इस मामले पर मौन धारण कर रखा है।
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