तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर तो लिया लेकिन अपने नागरिको का विश्वास जीत पाने में अभी तक विफल होता नज़र आ रहा है। भयभीत अफगानी नागरिक देश छोड़कर भाग रहे हैं। पूरे देश में भगदड़ मची हुई है। नागरिक दूसरे देशों में शरण को मजबूर हैं।हालत यह है कि अफगान से जर्मनी में 10 हजार शरणार्थी रह रहे हैं। जिनमें लगभग 2 हजार गर्भवती औरतें शामिल हैं। जर्मनी के रामस्टीन एयर बेस में रह रहीं ये महिलाएं अपनी रोजमर्रा की सुविधाओं के लिए काफी दिक्क्तों का सामना कर रही है। मौसम के गिरते तापमान के कारण उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रामस्टीन में रात का तापमान शरीर को जमा देने वाला है जिसके चलते नवजात शिशु और गर्भवती महिलाओं के सामने भारी स्वास्थ संकट आ खड़ा हुआ है।
रामस्टीन कैंप में अभी तक 22 नवजात शिशु जन्म ले चुके हैं, और यह संख्या हर दिन बढ़ती ही जा रही है। कैंप में मौजूद तकरीबन 2 हजार महिलाओं को गर्भवती बताया जा रहा है। जिनको जर्मनी सरकार द्वारा चिकित्सा सुविधाओं और अन्य सुविधाएं प्रदान करना एक कठिन चुनौती बनती जा रही है।
अमेरिका की यूरोपीय कमान के कमांडर जनरल टॉड वोलेटर्स का कहना है कि अफगान परिवारों, जिनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे हैं। जर्मन एयरबेस में मात्र 10 दिन के लिए रखे गए थे लेकिन अमेरिका में लगातार बढ़ रही शरणार्थियों की संख्या के चलते उन्हें तत्काल अमेरिका शिफ्ट नहीं किया जा रहा है।
दरअसल रामस्टीन में रात का तापमानअधिक गिरने के कारण वहां रह रहे अफगानी शरणार्थियों की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। कैंप में मौजूद नवजात शिशु के साथ साथ गर्भवती महिलाएं और छोटी उम्र के बच्चों को बहुत सारी दिक्कतों का सामना करंंना पड़ रहा है। ऐसे में शरणार्थियों को बेस विमान टैक्सीवे और पार्किंग स्थलों पर स्थापित सैकड़ों टेंटों के लिए जनरेटर और हीटर खोजने के लिए मजबूर होना पड़ा। जिसमे कुछ टेंटों को सुविधाओं द्वारा गरम किया गया है और बाकी टेंटों के लिए इन सुविधाओं का बंदोबस्त करने में सरकार पूरी कोशिश कर रही है।
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रामस्टीन में पनपने लगी हैं अन्य बीमारियां
गर्भवती महिलाओं और अन्य कठिनाइयों से परेशान हो रहे अफ़ग़ानों की समस्याओ में इज़ाफ़ा होता जा रहा है। रात के तापमान से परेशान शरणार्थी अब बिमारियों की चपेट में भी आने लगे हैं। कहा जा रहा है कि अफ़ग़ान से आए शरणार्थीयों में 9 लोगो में कोरोना की पुष्टि की गई थी अब ये संख्या बढ़ने लगी है। इतना ही नहीं कोरोना के साथ साथ नोरो वायरस के भी मरीज सामने आये हैं। इनमें मलेरिया और डेंगू के और खसरा के भी मरीज पाए गए हैं।
अमेरिका चाहता है कि अफ़ग़ान की फ्लाइट्स को तब तक रोक दिया जाए जब तक की अफ़ग़ान की सारी जनता वैक्सीन न लगवा लें। क्योंकि कोरोना से पीड़ित शरणार्थियों को शरण दी जायगी तो जल्द ही ये समस्या गंभीर रूप धारण कर लेगी। कोरोना जैसी महामारी के प्रकोप से पूरा विश्व अच्छी तरह अवगत है। जिसके चलते तीन हफ़्तों के लिए उड़ानों को बंद कर दिया है।और तब तक के लिए रोक लगा दी गई है, जब तक अफ़ग़ान से आने वाले सभी शरणार्थी वैक्सीन न लगवा लें। रामस्टीन में रह रहे अफ़ग़ान शरणार्थियों को तब तक यूनाइटेड स्टेट नहीं भेजा जायगा जब तक कि वे सभी कोरोना टीका नहीं लगवा लेते। टीकाकरण के पश्चात ही उन्हें यूनाइटेड स्टेट्स के लिए रवाना किया जायगा।