चीन के पूर्वी हिस्से में चल रहा बिजली आपूर्ति संकट अब और गंभीर होता जा रहा है। आपूर्ति और मांग को संतुलित करने के लिए कई कारखानों, मॉल और दुकानों को बंद करना पड़ा है। इसलिए रिहायशी इलाकों में भी बिजली की खपत पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कोयले की आपूर्ति सुचारू रूप से नहीं चलने से बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है।
चीन में उत्पादों की बढ़ती मांग भी कोयले की आपूर्ति को प्रभावित कर रही है। कोयले के दाम भी बढ़े हैं। जिसके चलते अब बिजली संकट गहरा गया है। बिजली संकट से एप्पल और टेस्ला जैसी कंपनियों की फैक्ट्रियां बंद होने की संभावना जताई जा रही है।
चांगचुन क्षेत्र में फैक्ट्रियों और रिहायशी इलाकों में समान बिजली आपूर्ति के लिए पिछले सप्ताह लोड शेडिंग की गई थी। हालांकि नागरिकों ने शिकायत की कि बिजली की आपूर्ति बेहद कम थी और लंबे समय तक बिजली नहीं थी।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर बिजली संकट का गहरा असर पड़ा है। कई फैक्ट्रियों को वह बिजली नहीं मिलती जिसकी उन्हें जरूरत होती है। चीन के इस हिस्से में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इसलिए प्रशासन के सामने बिजली आपूर्ति एक बड़ी चुनौती बन गया है। नागरिकों को ठंड के दिनों में कोई असुविधा न हो। फिलहाल इसके लिए सरकार के प्रयास जारी है।
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प्रशासन ने नागरिकों से बिजली के उपकरणों के इस्तेमाल से परहेज करने की अपील की है। पानी गर्म करने के लिए बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी गई है। चीन में कुछ दिनों और बिजली संकट की आशंका जताई जा रही है।
कोरोना महामंदी के दौरान चीन की अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगा था। तब से अब अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है। लेकिन अब बिजली संकट ने चीन के लिए एक बड़ी चुनौती पेश की है। चीन में करीब 15 कंपनियों ने कथित तौर पर उत्पादन बंद कर दिया है। इस बीच ताइवान में पंजीकृत 30 कंपनियों ने कहा है कि बिजली संकट के कारण उत्पादन बंद हो गया है।