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नस्लभेद में जर्मनी आगे

दुनिया भर के अधिकतर देशों में नस्ल भेद की जड़ें काफी पुरानी हैं ,जो कि कई देशों में गहराई से जुडी हुई है। हाल ही में यूरोपियन देशों में नस्लीय भेद को लेकर एक सर्वे किया गया है। बुनियादी अधिकारों के लिए काम करने वाली यूरोपीयन एजेंसी फॉर फंडामेंटल राइट्स यानी एफआरए के रिसर्च अनुसार  जर्मनी नस्लीय भेद भाव में सबसे आगे चल रहा है। सर्वेक्षण के दौरान जिन लोगों से बात की गई उनमें से 77 फीसदी लोगों का कहना है कि पिछले पांच सालों में उन्हें अपने शारीरिक रंग, मूल या फिर धर्म की वजह से भेदभाव झेलना पड़ा ।

एफआरए ने सर्वेक्षण के दौरान 15 यूरोपीय देशों के 16 हजार 124 आप्रवासियों और उनके वंशजों से बातचीती की है। इस सर्वे में काले लोगों के अतिरिक्त अल्पसंख्यकों जैसे मुसलमान एवं अन्य दूसरी जातियों को शामिल किया गया था। रिपोर्ट अनुसार ये आकड़े अक्टूबर 2021 से सितंबर 2022 तक के हैं।

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यह सर्वे यूरोप के 13 देशों में अफ्रीकी मूल के लोगों के बीच नस्लभेद और भेदभाव का पता लगाने के लिए किया गया था। “बिइंग ब्लैक इन ईयू” नाम की इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए यूरोपीय देशों के करीब 6,700 लोगों को इस सर्वे में शामिल किया गया था।  इनमें से 45 फीसदी लोगों का कहना है कि उन्होंने हाल के वर्षों में भेदभाव झेला है।

2016 में भी किया गया था सर्वे

 

इस तरह का सर्वे पहली बार नहीं किया गया है। इससे पहले 2016 में भी किया गया था। उन आकड़ों मुकाबले इस बार के आकड़े प्रतिशत में करीब 6 अंक ज्यादा है। एफआरए का मुख्यालय ऑस्ट्रिया में है। सर्वेक्षण अनुसार इस मामले में ऑस्ट्रिया की हालत भी बेहद खराब है।

शिक्षा से लेकर नौकरी तक नस्ल भेदभाव

 

नस्लभेदी हमलों को लेकर सूची में सबसे ऊपर जर्मनी है। सर्वे में शामिल 54 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने वहां दुर्व्यवहार झेला है। 9 फीसदी लोगों के अनुसार नस्लभेद के चलते हिंसा भी उनके द्वारा झेली गई है। इस तरह के हिंसा के मामले में जर्मनी से आगे सिर्फ फिनलैंड है, जहां 11 फीसदी लोगों ने यह हिंसा झेली है। जर्मनी से सर्वे में शामिल किए गए लोगों का कहना है कि नौकरी ढूंढने के दौरान रंग के आधार पर उनके साथ भेदभाव किया जाता है । सभी 13 राज्यों को मिला कर देखें तो ऐसा कहने वाले लोगों की तादाद एक तिहाई थी।

जर्मन स्कूलो में पढ़ने वाले  40 फीसदी काले छात्रों को नस्ली अपमान या फिर धमकियां झेलनी पड़ती हैं। आयरलैंड, फिनलैंड और ऑस्ट्रिया में भी यही हाल है जर्मनी के अतिरिक्त  सर्वे में शामिल देशों में नस्ली भेदभाव और दुर्व्यवहार के मामले में सबसे अच्छी स्थिति पुर्तगाल और स्वीडन के साथ ही पोलैंड की है। यहां नस्लीय भेदभाव कम है।

 

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