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फिर विवादों में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री, महिलाओं को बताया उबाऊ

आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। जहां महिलाएं-पुरुष एक सम्मान माने जाते हैं, खासकर महिलाएं आज के समय में पुरुषों के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर साथ चल रही है। लेकिन वहीं टोक्यो ओलंपिक के अध्यक्ष ने महिलाओं को लेकर एक ऐसी टिप्पणी की, जिसके कारण उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा सकता है। दरअसल टोक्यो ओलंपिक को लेकर हुई बैठक के दौरान बोर्ड में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की बात हो रही थी। लेकिन टोक्यो ओलंपिक के अध्यक्ष योशिरी मोरी ने कहा कि अगर हम बोर्ड में महिलाओं की संख्या बढ़ा रहे है तो हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि उनके बोलने का समय सीमीत रहे। उन्हें अपनी बात समाप्त करने में परेशानी आती है और वह बहुत ही उबाऊ होती है। अध्यक्ष की इस टिप्पणी के बाद उन्हें काफी आलोचना झेलनी पड़ी और अपने पद से इस्तीफा देने तक की नौबत आ पड़ी है।

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हालांकि जब चारों तरफ से उनकी आलोचना होने लगी तो उन्हें एक प्रेस कान्फ्रेंस बुलानी पड़ी और अपनी गलती स्वीकारनी पड़ी। मोरी ने माना कि उनकी बयानबाजी ओलंपिक खेलों की भावनाओं से मेल नहीं खाती। पहले उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने से इंकार कर दिया था। लेकिन अब स्थानीय मीडिया में खबरें आ रही है कि ओलंपिक की अगली बैठक में वह अपना इस्तीफा पेश करेंगे। 83 वर्षीय योशिरी मोरी 2000 से अप्रैल 2001 के बीच जापान के प्रधानमंत्री भी रहे है। प्रधानमंत्री काल में भी वह काफी विवादों में रहे थे।

जब अमेरिका ने सबमरीन द्वारा एक जापानी जहाज पर हमला किया था, उस बात की खबर मिलने के बाद भी वह गोल्फ मैच खेलते रहे। हमले में सवार 9 जापानी मछुआरों की जान गई थी। जिसके बाद मोरी की पूरे देश में आलोचना हुई थी। प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद उन्होंने जापान और रुस के कूटनीतिक रिश्तों पर काम करते रहे। इसके अलावा मोरी ने कई अंतर्राष्ट्रीय खेलों के आयोजनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रग्बी का विश्व कप कराने का श्रेय उन्हें ही जाता है। उन्होंने कई बार अपने बयान में कहा है कि वह ओलंपिक के बाद सभी सेवाओं से रिटायर होना चाहते है।

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