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अफगानिस्तान में भूख मिटाने के लिए बच्चों को बेचने को मजबूर परिवार

अफगानिस्तान

तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से ही पूरी दुनिया की नजरें अफगानिस्तान के अंदरुनी हालात पर टिक गई है। मौजूदा हालात के चलते भले ही तालिबान के कट्टरपंथी शासन से लोग डरे हुए हैं, लेकिन कई देश हालात पर काबू पाने की कोशिश में जुटे हैं। लेकिन देश की अर्थव्ययस्था चरमरा गई है। जो उद्योग धंधे पिछले 20 सालों से खड़े किए गए थे वो बंद हो रहे हैं। जिसके बाद अफगानिस्तान के लोगों के पास रोजी रोटी का संकट पैदा हो जाएगा।

आलम यह है कि अब परिवारों को अपना कर्ज चुकाने के लिए अपनी संतानों को बेचने तक की नौबत आ गई है। दरअसल अफगानिस्तान में परिवारों को कर्ज चुकाने न चुकाने की एवज में अपने बच्चों को बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसलिए अब विवश होकर माएं अपने बच्चों को बेचने लगी हैं। इन्हीं मांओं की कुछ दर्दनाक कहानियां अब सामने आ रही हैं।

अफगानिस्तान के हालात को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने चेतावनी दी है कि मानवीय संकट गहराता जा रहा है और देश के 18 लाख से ज्यादा लोगों की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। वहीं तालिबान के एक अधिकारी ने कहा, ”अफगानों को कुछ महीनों तक हालातों से लड़ने की आदत डालनी होगी।’ तालिबान के एक अधिकारी ने कहा कि, ‘हमने 20 साल तक जिहाद लड़ा, हमने अपने परिवारों के सदस्यों को खो दिया, हमारे पास खाना भी नहीं था, और आखिरकार हमें सरकार बनाने का मौका मिला, इसलिए अगर लोगों को कुछ महीने संघर्ष झेलना हो तो क्या ?

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द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान के पश्चिमी शहर हेरात में एक महिला जो काम करके दिन का केवल 50 पैसे कमा पाती है।  उसने अब तक अपने परिवार के जीवन यापन के लिए एक शख्स से 40 हजार रुपये तक का कर्ज ले रखा है और अब उसे चुकाने के लिए उसके  पास कुछ शेष नहीं है। द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, महिला का नाम सालेहा है और उसने बताया कि अगर वो पैसा नहीं चुका पाई तो उसकी 3 साल की बेटी बेचने से उसका सारा कर्ज माफ़ हो जाएगा। 40 साल की सालेहा अगर अगले तीन महीने में कर्ज का भुगतान नहीं कर पाई, तो उसकी 3 साल की बेटी को कर्ज देने वाला शख्स ले लेगा।

द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसी एक अकेली सालेहा ही नहीं है। उनकी जैसी कई अफगान महिलाएं हैं। जिनके सामने ये मानवीय संकट खड़ा है। अफगानिस्तान में इस वक्त नकदी मिल नहीं रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय सहायता पर भी रोक लगा दी गई है। जिसके चलते देश के गरीब लोगों के लिए हर दिन गुजारना मुश्किल हो रहा है। हेरात के दर्जनों परिवार के लोगों ने द वॉल स्ट्रीट जर्नल से बात करते हुए कहा कि, उनके ऊपर भारी कर्ज हो गया है, सामान काफी महंगा बिक रहा है और उन्हें कहा गया है कि, अगर उन्होंने कर्ज नहीं चुकाया तो फिर अपने घर के बच्चे को बेचने के लिए तैयार हो जाएं।

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