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यूक्रेन के लिए यूरोपीय देशों का मानवीय गलियारा

इस वक्त पूरी दुनिया की नजरें रूस-यूक्रेन युद्ध पर हैं। यूक्रेन रूस का आक्रामक हमला झेल रहा है साथ ही अपने अस्तित्व के लिए संघर्षरत है। अब तक रूस के हमले को छह दिन बीत चुके हैं। रूस की सेना यूक्रेन पर पूरी तरह से कब्जा करने लगी हैं। हर तरफ हवाई हमले हो रहे हैं। इस बीच सभी के मन में एक सवाल है कि अब आगे क्या होने वाला है? क्या विश्व थर्ड वर्ल्ड वॉर के मुहाने पर है। इस युद्ध के बीच सबसे अधिक परेशान हैं आम नागरिक और दूसरे देशों से आए नागरिक। उनकी चिंता है कि वे कहां जाएंगे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यूरोपीय देशों ने अपने दरवाजे खोल दिए हैं। पिछले हफ्ते से जारी रूसी आक्रमण के चलते करीब 500,000 लोग यूक्रेन से पोलैंड में शरण ले चुके हैं। पोलैंड के अलावा रोमेनिया समेत कई देशों की ओर से यूक्रेन से पहुंच रहे शरणार्थियों के लिए सीमा, दिल और दरवाजे खोल दिए गए हैं।
बीते कुछ ही दिनों में यूक्रेन की ओर से पोलैंड की सीमा में लाखों लोग पहुंच रहे हैं। पोलैंड के प्रधानमंत्री माटेउस मोरावीस्की ने कहा कि हम अपने पड़ोसियों के सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने इस सहयोग के लिए एक मानवीय गलियारा विकसित किया और जो भी सम्भव हैं वो हम लोग पूरी गति से कर रहे हैं।
इस सराहनीय काम के लिए रोम से पोप फ्रांसिस द्वारा भी सराहना की गई है। पोप ने पोलैंड की सराहना करते हुए कहा कि सबसे पहले यूक्रेन का साथ देने वाले थे। युद्ध से भाग रहे यूक्रेनी लोगों के लिए आपने अपनी सीमाएं, दिल और दरवाजे सब खोल दिए हैं। ऐसे कठिन समय ईयू के सभी सदस्य देशों की एकजुटता साफ़ नजर आ रही है।रूस बीते कई महीनों से हमले की संभावनाओं को नकारता आ रहा था। लेकिन अमेरिका और कई देश सूचना दे रहे थे कि रुसी सेना की यूक्रेनी सेना पर तैनाती बढ़ रही है। लेकिन युद्ध को नकार रहे रूस ने अचानक ही पिछले हफ्ते रूस पर हमला कर दिया। उसके बाद से ही यूक्रेन से नागरिकों का और आम लोगों का दूसरे देशों में भागना जारी है।  पोलिश प्रधानमंत्री ने कहा, “जो लोग भी युद्ध से भाग रहे हैं, चाहे वे किसी भी राष्ट्रीयता के हों, पोलैंड उन लोगों की मदद कर रहा है।”

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यूरोप के देशों में केवल पोलैंड ही शरणार्थियों के ठिकाने के रूप में शामिल नहीं है। करीब 120,000 लोग रोमेनिया पहुंचे जिनमें से आधे से भी ज्यादा लोग दूसरे यूरोपीय देशों की ओर बढ़ रहे हैं।
युद्ध शुरू होने के साथ ही यूरोप के चेक रिपब्लिक जैसे देशों में यूक्रेन से लोग शरण लेने लगे थे। प्रशासन द्वारा जानकारी दी गई कि यूक्रेन से आए करीब 20 हजार लोगों का अब तक रजिस्ट्रेशन किया गया है। चेक प्रधानमंत्री पेटर फियाला द्वारा इसे “शरणार्थियों की बढ़ती लहर” का नाम दिया है। पीएम फियाला ने कहा कि देश में इमरजेंसी फोन लाइनें उपलब्ध है।
खबरों के अनुसार कई यूरोपीय रेल ऑपरेटरों द्वारा संयुक्त रूप से 40 अंतरराष्ट्रीय बाई स्पीड ट्रेनें चलाई जा रही हैं ये ट्रेनें विशेष रूप से यूक्रेन से  शरणार्थियों को ऑस्ट्रिया, चेक रिपब्लिक और पोलैंड से जर्मनी लेकर जाने का काम करेगी। सबसे बड़ी बात ये सभी निशुल्क रहेंगी। यदि यूक्रेन से आए लोग आगे बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, लक्जेमबर्ग, नीदरलैंड या स्विट्जरलैंड भी जाना चाहते हैं तो भी मुफ्त में ये ट्रैन उन्हें भी पहुंचा सकेगी।

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