इन दिनों क्यूबा एक अनोखा जनमत संग्रह कराकर चर्चे में आ गया है। क्यूबा ने ऐसा जनमत संग्रह करा विश्वभर में इतिहास रचा हैं। विश्व भर में ये पहला ऐसा देश है जिसने लोकप्रियता और जनमत संग्रह के आधार पर परिवार संहिता पेश की है। इस संहिता के जरिए महिलाओं के अधिकारों सहित समलैंगिक जोड़ो को परिवार बनाने की अनुमति दी है। जनमत आधार पर पेश की गई यह संहिता गारंटी सहित समलैंगिक विवाह को वैध बनाती है। साथ ही ऐसे जोड़ों को बच्चे गोद लेने के लिए भी अनुमति देती है।
क्यूबा ने समानता समर्थन के ऐसे मुद्दों पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए 25 सितम्बर को जनमत संग्रह कराया था । जिसमें करीब 6 मिलियन लोगों ने मतदान किया। लोकप्रियता आधार पर लाइ गई यह परिवार संहिता परिवार की केंद्रीय अवधारणा को बदलती है। यही नहीं यह संहिता महिलाओं के अधिकारों सहित समलैंगिक लोगों के अधिकारों का भी विस्तार करती है। गौरतलब है कि यह संहिता सरकार द्वारा नहीं बल्कि आम जनता के द्वारा तैयार की गई है।
जनमत आधारित संहिता ने ‘सरोगसी’ को दी अनुमति
इस जनमत संग्रह ने सरोगसी गर्भधारण की भी अनुमति दी है। जनमत द्वारा सरोगसी के लिए दी गई अनुमति अनुसार कोई भी दम्पति जो बच्चा नहीं कर पा रहा वो किसी अन्य महिला की कोख के जरिये बच्चे को जन्म दे सकेगा। इस जनमत संग्रह में गैर-जैविक माता-पिता को बच्चे से जैविक रूप से संबंधित नहीं होने के बावजूद बच्चे को औपचारिक रूप से गोद लेकर कानूनी माता-पिता का दर्जा प्राप्त करने के पक्ष- विपक्ष में मतदान किया गया है। सकारात्मक पहल करते हुए क्यूबा विश्व भर का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने लोकप्रिय सलाह और जनमत संग्रह के आधार पर परिवार संहिता पेश की है। पेश की गई यह नई संहिता सभी क्यूबा वासियों को बिना किसी भेदभाव के परिवार बनाने के अधिकार को सुनिश्चित करती है।
मतदान के दौरान क्यूबा वासियों ने घर में समान बंटवारे को बढ़ावा देने के पक्ष में भी वोट किया है। जनमत संग्रह द्वारा पेश की गई संहिता बच्चों, बुजुर्गों और विकलांगों के लिए पूर्णकालिक देखभाल करने वालों के लिए श्रम अधिकारों का विस्तार करती है। इसके अतिरिक्त यह घरेलू हिंसा के दंड को संहिताबद्ध करती है। महिलाओं पर होने वाले शारीरिक हमले को रोकती है। इस लोकप्रिय संहिता के मुताबिक माता-पिता के पास बच्चों की कस्टडी के बजाय जिम्मेदारी होगी। उन्हें बच्चों की गरिमा और शारीरिक और मानसिक अखंडता का सम्मान करना होगा । साथ ही यह इस बात पर भी जोर देती है कि माता-पिता को अपनी संतानों को उनके खुद के जीवन पर अधिक अधिकार देने चाहिए।
कैथोलिक और इंजील चर्च के नेताओं ने की आलोचना
मतदान हेतु चुनाव प्रचार के अंतिम सप्ताह में सरकार ने टीवी, रेडियो और सोशल मीडिया को समानता के समर्थन वाले संदेशों के साथ-साथ चमकदार होर्डिंग, सार्वजनिक रैलियों और राष्ट्रपति मिगुएल डियाज़-कैनेल के ट्वीट्स के साथ “लोकतंत्र के पक्ष में वोट करने का आग्रह किया था। जनमत संग्रह को कम्युनिस्ट सरकार द्वारा समर्थन मिला हुआ था, लेकिन इस तरह के जनमत संग्रह को करवाने से कैथोलिक और इंजील चर्च के नेताओं द्वारा इसकी कड़ी आलोचना की गई। गौरतलब है कि इससे पहले 2019 के दौरान सरकार ने देश के नए संविधान में समलैंगिक विवाह को शामिल करने की मांग की थी। लेकिन चर्च द्वारा इसकी आलोचना किये जाने पर सरकार अपने इस फैसले से पीछे हट गई थी ।
यह भी पढ़ें : विदाउट हिजाब नो संवाद