दुनिया के कई देशों में मेड इन चाइना कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। लेकिन अब चीनी वैक्सीन सिनोवैक के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है, जो चीन में बनी है और 50 से अधिक देशों में निर्यात की जाती है।
कुछ लीक दस्तावेजों के अनुसार, चीनी वैक्सीन विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया में उपलब्ध कोविड-19 टीकों में सेनोवैक्स सबसे असुरक्षित है। यह दावा किया जाता रहा है कि कोविड-19 की उत्पत्ति पूरे विश्व में चीन द्वारा उत्पन्न हुई, इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है। लेकिन अब चीनी कोरोना वैक्सीन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
लीक हुए दस्तावेज के अनुसार, चीनी वैज्ञानिकों ने चीन द्वारा निर्मित कोविड-19 वैक्सीन के दुष्प्रभावों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी पाई है। विशेष रूप से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 26 अप्रैल को सिनोवैक के आपातकालीन उपयोग की समीक्षा की। यह खुलासा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा सिनोवैक COVID-19 वैक्सीन की आपातकालीन उपयोग को लेकर 26 अप्रैल की समीक्षा से पहले यह रहस्योद्घाटन हुआ है।
कई लोगों द्वारा टीके लगने के बाद बुखार, उल्टी, दस्त, दिल की धड़कन और सांस लेने में कठिनाई जैसे दुष्प्रभावों का अनुभव किया है। रिपोर्ट 8 अप्रैल को जारी की गई है। कुछ अन्य दस्तावेजों में कहा गया है कि एक व्यक्ति ने टीका प्राप्त करने के 47 दिनों के बाद कोरोना के लिए सकारात्मक परीक्षण किया। इसका नकारात्मक प्रभाव उन स्थानों पर देखा गया है जहां पूर्व में टीका दिया गया है। पिछले साल, शंघाई में एक वैक्सीन विशेषज्ञ ताओ लीमा ने कहा कि टीका असुरक्षित था, लेकिन फिर अचानक वह अपने बयान पर बदल गए।
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टीका लगभग 50 देशों में दिया गया है, जिसमें फिलीपींस, मिस्र और मलेशिया शामिल हैं, जहां कई लोग टीका से प्रभावित हुए हैं।