जो बाइडेन के अमेरिका के राष्ट्रपति बनते ही अमेरिका और रूस के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। जो दुनिया की राजनीति में बवाल मचा सकता है। अमेरिका ने एलेक्सी नवेलनी को सजा मिलने के बाद रूस पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया है। अमेरिका की तरफ 2 मार्च, मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि अमेरिका ने रूस के खिलाफ व्यापारिक और आधिकारिक प्रतिबंध लगा दिए हैं।
जो बाइडेन के अमेरिका के राष्ट्रपति बनते ही अमेरिका और रूस के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। जो दुनिया की राजनीति में बवाल मचा सकता है। अमेरिका ने एलेक्सी नवेलनी को सजा मिलने के बाद रूस पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया है। अमेरिका की तरफ 2 मार्च, मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि अमेरिका ने रूस के खिलाफ व्यापारिक और आधिकारिक प्रतिबंध लगा दिए हैं।
रूस पर व्यापार और आधिकारिक प्रतिबंध
अमेरिका द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि रूस पर व्यापार और आधिकारिक प्रतिबंध लगाया गया है। यानी, एलेक्सी की गिरफ्तारी में शामिल सभी अधिकारियों पर भी अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिका ने रूसी सरकार के सात सदस्यों के खिलाफ प्रतिबंधों की भी घोषणा की है।
बहुत पहले से ही चर्चा थी कि अमेरिका अब रूस के खिलाफ एक बड़ा कदम उठा सकता है और अमेरिका के इस कदम से विश्व में हंगामा होना तय है। शीत युद्ध को खत्म हुए तो कई साल हो गए लेकिन अमेरिका अब भी रूस को लेकर सख्त हो गया है।
खबरों में पहले से ही चल रहा था कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन रूस के ऊपर प्रतिबंध लगाने की योजना पर काम शुरू कर चुके हैं और अमेरिका अब कुछ दिनों में रूस का बहिष्कार कर सकता है।
अमेरिका लगाएगा रूस पर प्रतिबंध !
बताया जा रहा है कि अमेरिका रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे बड़े आलोचक माने जाने वाले और रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी को जहर दिए जाने और रूस लौटने पर उनकी गिरफ्तारी को लेकर बेहद नाराज है। इसलिए उन्होंने इस मामले में रूस को चेतावनी भी दी थी। यूरोपीय यूनियन के फॉरेन अफेयर्स काउंसिल (FAC) की कॉन्फ्रेंस में शामिल अमेरिकी विदेश मंत्री द्वारा रूस पर लगाए गये प्रतिबंध का स्वागत किया गया है।
एलेक्सी नवेलनी मामले में सख्त अमेरिका
इतना ही नहीं रूस से अमेरिका ‘सोलर विंड’ हैंकिंग मामले को लेकर भी खफा है। गौरतलब है कि रूस पर आरोप है कि उसने अमेरिका की कई सरकारी एजेंसियों और प्राइवेट कंपनियों पर साइबर हमला किया और कई सारी गुप्त जानकारियां भी चुरा लीं थी। फिलहाल रूस के हैकर्स ने क्या-क्या डेटा चोरी किया है। अभी इस पर जांच चल रही है।
अमेरिका का मानना है कि रूस ने रासायनिक जहर के जरिए पुतिन के विरोधी नेता एलेक्सी नवेलनी को मारने का प्रयास किया है, साथ ही रूस ने अफगानिस्तान में रहने वाले अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ नर्व सिस्टम जहर का भी इस्तेमाल किया है, इसलिए वह रूस से बहुत नाराज है। जिसके चलते ही अमेरिका रूस पर प्रतिबंध लगाया है। इसके अलावा, सोलर विंड साइबर क्राइम ने अमेरिका की रातों की नींद गायब कर दी है। क्योंकि अब तक अमेरिका की जांच एजेंसियों को यह पता नहीं चल पाया है कि हैकर्स ने क्या-क्या डाटा चोरी किया है।
CNN (अमेरिकी न्यूज चैनल) के अनुसार जिस तरह का व्यवहार रूस में विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी के साथ हुआ उसको लेकर अमेरिका रूस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना चाहता था। जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बिडेन ने वार्ता की थी तो उस दौरान भी उन्होंने एलेक्सी नवेलनी की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया था लेकिन बावजूद इसके रूस द्वारा एलेक्सी नवेलनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई और उन्हें जेल में डाल दिया गया।
एलेक्सी नवेलनी को जब नर्व सिस्टम जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी तब अमेरिका में रूस पर प्रतिबंध को लेकर कई बार मांग की गई। लेकिन उस दौरान ट्रंप ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया। लेकिन अब सत्ता में बिडेन हैं और उनकी टीम द्वारा रूस के खिलाफ आक्रामक नीति अपनाई गई है।