अमेरिका में कोरोना से करीब पांच लाख नागरिकों की मौत हो चुकी है। देश के शहर-शहर कोरोना की दहशत है। मगर इस महामारी के बीच भी नस्लभेद से अमेरिका उबर नहीं पा रहा है।
दरअसल, हाल ही में अटलांटा के तीन मसाज पार्लर में एक बन्दूकधारी ने अंधाधुंध गोलियां चला दी। इस घटना में आठ लोगों की जान चली गई। बताया गया कि मरने वालों में अधिकतर एशियाई-अमेरिकी महिलाएं थीं। ये हमला ऐसे वक्त पर हुआ है जब पहले से ही कोरोना संकट के बीच एशियाई मूल के अमरीकियों के ख़िलाफ़ अपराध बढ़े गए हैं।
शनिवार, 20 मार्च को एशियन-अमेरिकन पर हमले में मारे गए 8 लोगों की मौत के विरोध में अमेरिका के कई शहरों में बड़ी संख्या में लोगों ने सड़को पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनों में लोगों के हाथ में पोस्टर भी थे। जिन पर लिखा था ‘वायरस नहीं है एशियन’ और आइये साथ शोक मनाएंगे, जख्म भरेंगे सहायता करेंगे इस तरह के नारो के पोस्टर के माध्यम से नफरत खत्म करने की अपील की।
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जॉर्जिया में एशियाई मूल के आठ लोगों की मौत को लेकर शिकागो, न्यूयॉर्क, पिट्सबर्ग में विरोध प्रदर्शन जारी है। इसे नस्लवाद का एक रूप कहा गया और एक विशेष जनजाति को लक्षित करने के आरोप भी लगाया गया है।
सभी उम्र और जातीय समूहों के लोग अटलांटा के लिबर्टी प्लाजा स्क्वायर में एकत्र हुए। उन्होंने कुछ झंडे लहराए और नारे लगाए। अटलांटा में, अमेरिकी सीनेटरों राफेल वार्नॉक और जॉन ओसोफ, साथ ही जॉर्जिया प्रतिनिधि बी. नेगवेन ने भी विरोध किया। वार्नॉक ने कहा कि हमले में एशियाई बहनें मारी गई थी। हम उनकी हत्या की निंदा करते हैं।
रॉबर्ट आरोन ने कहा कि एक 21 वर्षीय श्वेत व्यक्ति ने अटलांटा में स्पा में आग लगा दी। चार लोग मारे गए , जबकि चार मसाज पार्लर में गोलीबारी के दौरान मारे गए थे। मंगलवार की घटना में मारे गए लोगों में छह महिलाएं एशियाई मूल की थीं। अब तक की जांच से यह निष्कर्ष निकला है कि लोंग ने पुरुषों की हत्या करना कबूल किया है। उन्होंने किसी भी नस्लीय मकसद से इनकार किया। उसने इन महिलाओं को सेक्स की लालसा से मार डाला। पुलिस के मुताबिक, हमले के पीछे के मकसद का अभी पता नहीं चला है।
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अटलांटा पार्क में सैकड़ों लोगों ने रैली की, “स्टॉप एशियन हेट” और “वी आर व्हाट अमेरिका लुक्स लाइक” का नारा लगाया। पिट्सबर्ग में सैकड़ों लोग भी मार्च में शामिल हुए। इदाहो ने सोशल मीडिया पर लोगों के साथ बातचीत की। तीन सौ लोग शिकागो में एकत्र हुए, जबकि सैकड़ों ने टाइम्स स्क्वायर से न्यूयॉर्क शहर के चाइनाटाउन तक मार्च किया।
शिकागो में, कई सरकारी एजेंसियों ने नस्लीय हिंसा और एशियाई लोगों की हत्या का विरोध करते हुए आभासी सम्मेलन आयोजित किया । महिलाओं ने वहां शांति बैठक की। दो सौ पचास लोग इसमें इकट्ठे हुए। आयोजकों ने कहा कि कोरियाई, चीनी, जापानी आदि एशियाई लोगों में थोड़ी कड़वाहट आ गई है, लेकिन लोगों ने इसे अमेरिका में भूलकर जीना सीख लिया है।