अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार को चुनौती देने के लिए कथित तौर पर अमरुल्ला सालेह के नेतृत्व में एक निर्वासित सरकार का गठन किया गया है। सालेह को इस सरकार का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया है। अब तक उन्होंने उत्तरी गठबंधन के सहयोग से पंजशीर से तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
स्विट्जरलैंड में अफगान दूतावास द्वारा जारी एक बयान का हवाला देते हुए खामा प्रेस न्यूज एजेंसी ने बताया कि अमरुल्ला सालेह के नेतृत्व वाली निर्वासित सरकार अफगानिस्तान में एकमात्र ‘वैध सरकार’ है। तालिबान की ओर इशारा करते हुए कहा गया कि वैध सरकार की जगह कोई दूसरी सरकार नहीं ले सकती।
बयान में कहा गया है कि अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद तालिबान को चुनौती देने के लिए लंबे विचार-विमर्श के बाद निर्वासित सरकार का गठन किया गया था। निर्वासित सरकार सालेह के नेतृत्व में काम करेगी। वह कार्यपालिका और न्यायपालिका को साथ लेकर चलेंगे।
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अशरफ गनी प्रशासन के राजनीतिक नेताओं द्वारा जारी बयान में यह भी कहा गया है कि अफगानिस्तान इस्लामिक गणराज्य के सभी दूतावास और वाणिज्य दूतावास अपने दिन-प्रतिदिन के संचालन को जारी रखेंगे।
आपको बता दें कि अफगानिस्तान को लेकर यह फैसला ऐसे समय में दिया गया है जब करीब एक महीने के लिए तालिबानी सरकार बनने जा रही है। तालिबान सरकार का नेतृत्व मुल्ला अखुंद कर रहे हैं। इसके अलावा कई ऐसे आतंकवादी भी सरकार का हिस्सा हैं जिन्हें ओबामा सरकार में रिहा किया गया था। कुछ दिनों पहले तालिबान ने अमरुल्ला सालेह के बड़े भाई रोहुल्ला को प्रताड़ित किया और मार डाला। पिटाई करते समय उसका गला रेत दिया गया।iba