कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के तमाम प्रयास बाद भी उत्तर प्रदेश में पार्टी की जड़ें कमजोर होती जा रही हैं। देश को लगातार कई प्रधानमंत्री देने वाले प्रदेश में कांग्रेस 1989 से ही सत्ता से बाहर है। पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने अपनी-अपनी सुविधानुसार कांग्रेस छोड़ भाजपा, सपा अथवा बसपा का दामन थामने में अपनी भलाई समझी। प्रियंका गांधी के प्रदेश की कमान संभालने के बाद पार्टी समर्थकों की उम्मीदें कुछ परवान चढ़ी नजर आने लगी थीं लेकिन शुरुआती उत्साह अब एक बार फिर से नदारत है और पार्टी पूरी तरह नेतृत्व एवं दिशाहीन। ऐसे में इन दिनों खासी चर्चा है कि प्रियंका के करीबी कहे जाने वाले पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन भी जल्द भगवामयी होने जा रहे हैं। 2009 के आम चुनाव में ऐरन ने बरेली संसदीय सीट से भाजपा के कद्दावर नेता संतोष गंगवार को पराजित कर एक रिकॉर्ड बना डाला था। अब खबर गर्म है कि संतोष गंगवार के जरिए ही ऐरन भाजपा में जाने की जुगत लगा रहे हैं। जानकारों का दावा है कि पिछले दिनों गंगवार ने ऐरन की एक गुप्त बैठक भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह से करवा दी है। सूत्रों की माने तो ऐरन अपनी पत्नी और बरेली की पूर्व मेयर सुनीता ऐरन को 2022 विधानसभा चुनावों में बरेली कैंट सीट से भाजपा उम्मीदवार बनाना चाह रहे हैं। यदि भाजपा नेतृत्व ने हामी भरी तो शीघ्र ही प्रियंका के यह सिपहसलाह भी भाजपा में शामिल हो जाएंगे।
यूपी कांग्रेस के बचे-खुचे नेता भी पलायन मोड में
