उत्तराखण्ड की मित्र पुलिस कई बार गलत कारणों के चलते विवादों में आने को अभिशप्त है। इन दिनों स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा प्रदेश के पुलिस अफसरों का भी चयन पुलिस मेडल के लिए किया गया है। मेडल पाने वाले एक पुलिस अफसर को लेकर सोशल मीडिया में खासे रोचक कमेंट्स पढ़ने को मिल रहे हैं। चर्चा जोरों पर है कि इस वर्ष चयनित एक अफसर को भले ही यह मेडल उनके द्वारा एक जघन्य अपराध की गुत्थी सुलझाने और अपराधी को पकड़ने के लिए दिया जा रहा हो, इस प्रशंसनीय कार्य के साथ-साथ इन अधिकारी का शानदार ‘जनसंपर्क एक्सपर्ट’ होना भी शामिल है। कहा-सुना जा रहा है कि ये अफसर अपने आला अफसरों की जरूरतों का विशेष ध्यान रखते हैं। कुछ बरस पहले इन्होंने अपने एक बड़े अफसर की पत्नी को सेन्ट्रो कार भेंट कर डाली थी। इन अफसर की पत्नी का ‘आशीर्वाद’ भी इस पुलिस मेडल के पीछे एक बड़ा कारण बताया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय राज्य पुलिस की सिफारिश पर ही मेडल पाने वाले का नाम चयनित करता है। सेन्ट्रो कार का उपहार तब रंग लाया जब एक जटिल अपराध को सुलझाने में ये अफसर सफल रहे। फिर क्या था मौका पाते ही उनको रिटर्न गिफ्ट दे दिया गया।