लोकजन शक्ति पार्टी के संस्थापक राम विलास पासवान की मृत्यु बाद विरासत के लिए छिड़ी जंग में पासवान के पुत्र चिराग हाल-फिलहाल बैकफुट पर हैं। एक तरफ उनके सगे चाचा पशुपतिनाथ पारस और तीन अन्य सांसदों ने पार्टी पर अपने अधिकार का दावा पेश कर चिराग के खिलाफ खुली बगावत कर डाली है तो दूसरी तरफ भाजपा ने भी पशुपति के दावे को एक तरफा स्वीकारते हुए उन्हें एनडीए कोटे से केंद्र में मंत्री बना डाला है। खुद को पीएम मोदी का हनुमान कहते न थकते चिराग इस सबके चलते भारी सदमे में बताए जा रहे हैं। सूत्रों की
मानें तो बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एनडीए गठबंधन का साथ छोड़ने वाले चिराग को भाजपा ने नीतीश कुमार के खिलाफ बतौर ‘टूल’ इस्तेमाल किया और उपयोगिता खत्म होने बाद इस ‘टूल’ को कबाड़ में डाल दिया है। चिराग को सबसे बड़ा झटका पीएम मोदी ने उनके चाचा पशुपति को अपना मंत्री बना दे डाला है। अब खबर है कि दशकों से दिल्ली में स्व ़ राम विलास पासवान का घर रहे सरकारी बंगले 12 जनपथ से भी चिराग को बाहर निकाले जाने की तैयारियां हो रही हैं। सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार ने यह बंगला पशुपति पासवान को एलाट कर दिया है लेकिन भाई द्रोह के आरोप से बचना चाह रहे पशुपति ने इस बंगले को रिजक्ट कर डाला है। चर्चा जोरों पर है कि अब इस बंगले पर जद (यू) कोटे से मंत्री बने आरसीपी सिंह की नजर गढ़ चुकी है। बेचारे चिराग पासवान मोदी के हनुमान बन न घर के रहे, न घाट के।