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पंजाब में विधानसभा चुनाव मात्र कुछ माह बाद होने वाले हैं। ऐसे में पार्टी भीतर चल रहा घमासान विपक्षी दलों को खासा सुहा रहा है तो कांग्रेस आलाकमान को हलकान कर रहा है। पिछले दिनों इस मसले को सुलझाने के लिए गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को सौंप दी। उम्मीद की जा रही है कि सोनिया गांधी इस रिपोर्ट के आधार पर जल्द कुछ फैसला लेगीं। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं एक तरफ बागी होते दिख रहे नवजोत सिंह सिद्दू संग उनकी पोस्टर वाॅर जारी है। तो दूसरी तरफ असंतुष्ट पार्टी नेताओं ने उनके करीबियों को टारगेट करना तेज कर दिया है। इन नेताओं का आरोप है कि मुख्यमंत्री के बेहद करीबी समझे जाने वाले राज्य के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा जानबूझ कर कई संवेदनशील मामलों में पैरवी सही तरीके से नहीं कर रहे हैं। नतीजा यह रहा कि राज्य की एडिशनल एडवोकेट जनरल रमीजा हकीम को इस्तीफा देना पड़ा। रमीजा हकीम, अतुल नंदा की पत्नी हैं। इस बीच अमूमन असंतुष्ट नेताओं और मुख्यमंत्री के बीच संतुलन बनाने वाले प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सुनील झाखड़ के सुर भी सीएम के खिलाफ होते नजर आने लगे हैं। सूत्रों की मानें तो पार्टी के कई बागी नेता सोनिया गांधी के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। यदि नवजोत सिंह सिद्दू को सम्मानजनक तरीके से संगठन या सरकार में स्थान मिलता है तो ठीक अन्यथा पार्टी में चुनाव पहले बड़ी बगावत स्पष्ट नजर आने लगी है।

 

कौन बनेगा सीवीसी बोलो!

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