केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) में इन दिनों एक पद रिक्त है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर नजर रखने वाला यह आयोग खासा महत्वपूर्ण एवं ताकतवर माना जाता है। किसी भी उच्च स्तरीय सरकारी नियुक्ति से पहले सतर्कता आयोग से एनओसी लेना जरूरी है। आयोग चयनित व्यक्ति को एक प्रकार से चरित्र प्रमाण पत्र जारी करता है जिसके बाद ही उस व्यक्ति को पद मिल सकता है। लंबे अर्से तक मुख्य सतर्कता आयुक्त एवं दो सतर्कता आयुक्त आईएएस संवर्ग से हुआ करते थे। मोदी सरकार के आते ही लेकिन यह परंपरा टूट गई। 2015 में इन्कमटैक्स सेवा के वरिष्ठ अधिकारी केवी चैधरी को मोदी सरकार ने मुख्य सतर्कता आयुक्त बनाया था। चैधरी की सेवानिवृत्ति पश्चात एक बार फिर से आईएएस संवर्ग के संजय कोठारी मुख्य सतर्कता आयुक्त 2020 में बनाए गए। वर्तमान में तीन सदस्यीय इस आयोग में सतर्कता आयुक्त का एक पद रिक्त है।
चर्चा जोरों पर है कि इस पद पर भारतीय राजस्व सेवा (इन्कम टैक्स) के मुखिया पद से गत् माह सेवानिवृत हुए पीसी मोदी की नियुक्ति होनी जा रही है। दिल्ली दरबार में पीसी मोदी की खासी धमक रही है। राजस्व सेवा का प्रमुख रहते उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी का खास करीबी बताया जाता था। चर्चा राजस्व सेवा के ही एक अन्य वरिष्ठ अफसर एसके मिश्रा को लेकर भी चल रही है। इन दिनों कुख्यात हो चली केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी के मुखिया एसके मिश्रा का सरकार ने एक वर्ष का कार्यकाल बढ़ा दिया था। अक्टूबर 2020 में रिटायर होने वाले मिश्रा अब नवंबर 2021 में सेवानिृत होंगे। कहा जा रहा है उनका सेवा विस्तार समाप्त कर केंद्र सरकार उन्हें केंद्रीय सतर्कता आयुक्त बना सकती है। मिश्रा को भी पीसी मोदी के भांति प्रधानमंत्री का विश्वस्त कहा जाता है।