पिछले दिनों देश के उच्चतम न्यायालय में पीरियड्स लीव को लेकर एडवोकेट शैलेंद्र मणि त्रिपाठी द्वारा जनहित याचिका दाखिल की गई थी । इसमें मांग की गई थी कि फीमेल स्टूडेंट्स और कामकाजी महिलाओं को पीरियड के समय छुट्टी दी जाए। लेकिन इस पर आज यानी 24 फरवरी को याचिका ख़ारिज कर कहा गया कि यह मुद्दा सरकार की नीति के तहत आता है, इसलिए इस पर यहां चर्चा नहीं की जा सकती। मासिक धर्म अवकाश प्रदान करने का मुद्दा केंद्र और राज्य सरकारों के नीतिगत निर्णय का हिस्सा है। हम इसके लिए निर्देश नहीं दे सकते। सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि याचिकाकर्ता इस बयान को महिला एवं बाल कल्याण विभाग को सौंप दें।
यह जनहित याचिका दिल्ली के वकील शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने अभिज्ञा कुशवाहा के माध्यम से दायर की थी। मासिक धर्म के दौरान लड़कियों और महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दौरान काफी दर्द सहना पड़ता है। इसलिए याचिका के जरिए मांग की गई थी कि राज्य सरकारों को मासिक धर्म के लिए छुट्टी देने का निर्देश दिया जाए। याचिका में यह भी मांग की गई है कि बिहार राज्य में मासिक धर्म के लिए विशेष अवकाश दिया जाता है, बिहार की तरह अन्य राज्यों को भी ऐसा निर्णय लेना चाहिए।
त्रिपाठी ने यह भी मांग की कि केंद्र और राज्यों को मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 की धारा 14 का पालन करने का निर्देश दिया जाए। मासिक धर्म को समाज ने उपेक्षित कर दिया है। समाज के शासक और जिम्मेदार तत्व इस मुद्दे की उपेक्षा करते हैं। याचिकाकर्ताओं ने यह भी बताया कि Zomato, Swiggy, Gozoop जैसी कुछ कंपनियों ने मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को छुट्टी देने का फैसला किया है।
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स्पेन में महिलाओं को माहवारी के दौरान मिलती है छुट्टी
मासिक धर्म के चार-पांच दिनों के दौरान महिलाओं को तेज दर्द का अनुभव होता है। कई बार इसका असर उनके काम या निजी जिंदगी पर भी पड़ता है। इस दौरान उन्हें काम करते हुए अधिक तनाव झेलना पड़ता है। इसी कड़ी में स्पेन ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। स्पेन की संसद द्वारा पारित एक कानून के अनुसार, देश में महिलाएं अपने मासिक धर्म के दौरान छुट्टी ले सकेंगी। इस दौरान सवैतनिक अवकाश देने का निर्णय लिया गया है।
छात्रों को केरल में छुट्टियां मिलती हैं
केरल राज्य ने कॉलेज छात्रों को मासिक धर्म के दौरान छुट्टी देने का फैसला किया है। कोचीन विश्वविद्यालय ने पहले अपने संस्थान में पढ़ने वाली छात्राओं को मासिक धर्म की छुट्टी देने का फैसला किया था। यह निर्णय छात्रों को उनकी अवधि के दौरान राहत प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया था। साथ ही छात्राओं के लिए दो प्रतिशत अतिरिक्त छूट को मंजूरी दी गई है। इसी पृष्ठभूमि में केरल के उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिंदु ने राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों की छात्राओं को मासिक धर्म अवकाश देने का निर्णय लिया है। बिहार में भी पीरियड्स लीव दी जाती है।