बिहार में सियासी उठापटक के बीच सत्ता परिवर्तन जरूर हुआ लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही हैं। हालांकि कि बाकी किरदार बदल गए हैं। नीतीश कुमार ने 9 अगस्त को भाजपा से गठबंधन तोड़ते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। अब आरजेडी के साथ मिलकर नई सरकार बना ली है। नीतीश ने 10 अगस्त को 8 वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। उनके साथ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली है। शपथ ग्रहण के बाद जब नीतीश कुमार राजभवन में मीडिया से बातचीत की तो भाजपा के प्रति उनके तेवर काफी तीखे नजर आए।
इस दौरान जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा गया कि क्या वो 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद के दावेदार होंगे तो इसके जवाब में नीतीश ने कहा कि हमारी ऐसी कोई दावेदारी नहीं है, लेकिन इसके आगे नीतीश ने जो कहा वो एक बड़ी लकीर खींचने वाला बयान माना जा रहा है। नीतीश कुमार ने स्पष्ट कहा कि ’14 में जो आए थे, वो 24 तक आगे रह पाएंगे कि नहीं,यानी नीतीश कुमार ने देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह बयान इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि आमतौर पर वो इस तरह की बयानबाजी से बचते हैं।
वर्ष 2013 में जब भाजपा ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा घोषित किया तब से ही नीतीश कुमार के भाजपा के साथ रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार भाजपा से गठबंधन भी इसलिए तोड़ा था। अब जबकि नीतीश कुमार एक बार फिर भाजपा से अलग हुए हैं तो उन्होंने बिना नाम लिए निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी को ही ले लिया है। इससे ये भी समझा जा रहा है कि वो खुद तो कहीं 2024 की तैयारी में तो नहीं हैं।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरोधी लगातार उन पर प्रधानमंत्री पद के लिए महत्वाकांक्षी होने का आरोप भी लगते रहे हैं। मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम में भी यही सवाल नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द घूम रहा है। 9 अगस्त को जब नीतीश कुमार ने महागठबंधन में शामिल होने का ऐलान किया तो उनके साथ मौजूद तेजस्वी यादव से भी प्रधानमंत्री उम्मीदवारी को लेकर सवाल किया गया था तब तेजस्वी यादव ने भी साफ कहा था कि नीतीश कुमार जितना अनुभवी मुख्यमंत्री है। उतना कोई नहीं है।
इतना ही नहीं जनता दल (सेक्यूलर)के सरक्षण एंव पूर्व प्रधनमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी कहा है कि ‘जनता दल देश के लिए अच्छा राजनितिक विकल्प हो सकता है।’ बिहार के विकास के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली आजेडी के साथ आने का फैसला लिया है। इस फैसले ने उन्हें उन दिनों के बारे में सोचने को मज़बूर कर दिया है जब सभी एकजुट थे। मैं बिहार का विकास देख रहा हूँ। मैं उन दिनों की एक बार फिर से कल्पना कर रहा हूँ, जब जनता परिवार एक छत के नीचे था। जनता परिवार ने देश को तीन प्रधानमंत्री दिए है। अगर युवा पीढ़ी इस तरह का फैसला करती है तो यह इस महान राष्ट्र के लिए अच्छा विकल्प है। इन सभी बातों से यही अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष के तरफ से नीतीश कुमार ही प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।