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ममता का आक्रमक चुनावी अभियान, कहा कि पश्चिम बंगाल के बाद दिल्ली भी जीतेंगी

पश्चिम बंगाल में चुनावी माहौल गर्म है। दो चरणों के मतदान हो चुके है, तीसरे चरण का मतदान आज जारी है। हर पार्टी चुनाव को जीतने के लिए, जनता को लुभाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। वैसे तो देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहा है। लेकिन इस समय पूरे देश की निगाहें पश्चिम बंगाल के चुनाव पर टिकी हुई हैं। दरअसल पश्चिम बंगाल में भाजपा और टीएमसी दोनों पार्टियां पूरी गर्म जोशी के साथ चुनाव-प्रचार कर रही हैं। बंगाल में टीएमसी और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर है। तो दूसरी तरफ कांग्रेस और लेफ्ट का गठबंधन है। माना जा रहा है कि ममता की निगाहें बंगाल के बाद दिल्ली की सत्ता पर टिकी हुई है। हाल ही में अपने एक बयान में ममता ने इस बात का जिक्र किया है। सोमवार 5 अप्रैल को हुगली के देबानंदपुर में अपनी एक सभा के दौरान ममता बनर्जी ने अपने भाषण में कहा कि वे बंगाल विधानसभा चुनाव एक पैर पर जीतेंगी, और भविष्य में दो पैर पर दिल्ली जीतेंगी।

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इतना ही नहीं उन्होंने बंगाल में लंबे चुनाव कार्यक्रम को लेकर भी निशाना साधा और कहा कि राज्यों में आठ चरणों के चुनाव की कोई जरुरत नहीं थी, उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कहने पर बंगाल में आठ चरणों में चुनाव करवाएं गए। ममता ने कहा कि मौजूदा कोरोना के हालात को देखते हुए चुनाव को जल्द से जल्द करवाना चाहिए था। बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए भारतीय जनता पार्टी को स्थानीय प्रत्याशी भी नहीं मिल रहे हैं। ममता ने कहा कि बीजेपी ने अपने प्रत्याशी टीएमसी और सीपीएम से उधार लिए है।
ममता के दिल्ली जीतने के बयान को राजनीतिक विश्लेषक उनके पीएम बनने या 2024 में बीजेपी के विजयी रथ को रोकने के लिए एक विकल्प के तौर पर देख रहे है।

अगर ममता बनर्जी बंगाल का विधानसभा चुनाव जीतती है तो उनकी कवायद पूरे देश में बढ़ सकती है। क्योंकि जिस तरह से वह बंगाल में बीजेपी के दिग्गजों को उनके बयानों को काट रही है और पूरी क्षमता के साथ बीजेपी का सामना कर रही है। तो अनुमान लगाए जा सकते है कि वह 2024 में विपक्ष की धुरी बन सकती है। इस बात के संकेत इससे भी लगाए जा सकते है कि कुछ दिन पहले ही ममता बनर्जी ने बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने के लिए सभी विपक्षी पार्टियों को एक पत्र भी लिखा था। ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी, शरद पवार, एमके स्टालिन, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, उद्धव ठाकरे, हेमंत सोरेन, अरविंद केजरीवाल, नवीन पटनायक, जगन रेड्डी, केएस रेड्डी, फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और दीपांकर भट्टाचार्य को पत्र लिखकर समर्थन मांगा है।

उन्होंने लिखा है कि भाजपा की सरकार सीबीआई, ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियां का विरोधी दल के नेताओं के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है। मोदी सरकार के निर्देश पर ईडी ने न केवल तृणमूल कांग्रेस वरन डीएमके सहित अन्य पार्टी के नेताओं के यहां छापेमारी की है। उन्होंने लिखा है कि अब यह समय आ गया है कि वह विश्वास करती हैं कि प्रजातंत्र और संविधान पर भाजपा के आक्रमण के खिलाफ सभी को एकजुट होकर संग्राम करने की जरूरत है। मैं समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ लड़ाई करती रहूंगी। विधानसभा चुनाव के बाद एक योजना बनाए जाने की जरूरत है। बंगाल में अंतिम चरण की वोटिंग 28 अप्रैल को होनी है और 2 मई को नतीजे घोषित होंगे।

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