महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना-भाजपा गठबंधन दोनों दलों के उम्मीदवारों की सूची जारी हो चुकी है। शिवसेना 124 सीटों और अन्य सहयोगियों के साथ भाजपा 164 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 2014 के विधानसभा चुनावों के अपवाद के साथ, शिवसेना और भाजपा 1990 के बाद से चुनाव लड़ रहे हैं ,1990 से 2009 के विधानसभा चुनावों में शिवसेना परोक्ष रूप से “बड़े भाई” की भूमिका में रही है। लेकिन 2019 विधानसभा चुनाव में भाजपा 164 सीटों के साथ बड़े भाई के रूप में नजर आ रही है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में आखिरकार शिवसेना ने भाजपा को बड़ा भाई मान ही लिया। इस बार विधानसभा की 288 सीटों में से भाजपा 164 और शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इससे पहले 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले तक भाजपा हमेशा 110 से 115 जबकि शेष सीटों पर शिवसेना अपने उम्मीदवार खड़े करती रही है। 2014 का विधानसभा चुनाव दोनों दलों ने अलग-अलग लड़ा था।
शिवसेना पहले बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने पर अड़ी हुई थी लेकिन भाजपा ने उसकी इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया था। 4 अक्टूबर को दोनों ही दलों ने सीटों के गठबंधन का एलान किया था। एनडीए के अन्य सहयोगी दलों के उम्मीदवार भाजपा के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ेंगे। इससे छोटे दलों का महत्व लगभग खत्म हो जाएगा क्योंकि वे भाजपा को छोड़कर अन्य किसी का समर्थन करने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं।
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शिवसेना भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी है। दोनों दलों के बीच पहली बार साल 1989 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में गठबंधन हुआ था। इसके बाद से विधानसभा और लोकसभा के सभी चुनाव दोनों दलों ने मिलकर लड़े। दोनों ने साल 1995 में मिलकर सरकार बनाई थी। इसमें शिवसेना के मनोहर जोशी मुख्यमंत्री बने थे लेकिन यह दोस्ती साल 2014 में सीटों के बंटवारे को लेकर टूट गई। तब भाजपा की ताकत महाराष्ट्र समेत पूरे देश में बढ़ रही थी और पार्टी मोदी लहर के बल पर महाराष्ट्र चुनाव भी जीतना चाहती थी।
साल 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 122 जबकि शिवसेना को 63 सीटें मिलीं। पूर्ण बहुमत से 20 सीट दूर रहने की वजह से भाजपा ने शिवसेना की मदद से सरकार बनाई। दोनों के बीच तनावपूर्ण संबंध साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कुछ सामान्य हुए जब दोनों पार्टियों ने राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 24-24 सीटें बांटने का फैसला किया। तब विधानसभा चुनाव में भी बराबर सीटें लड़ने पर बात हुई थी लेकिन भाजपा के दबाव के आगे इस बार शिवसेना को झुकना पड़ा।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन 200 से ज्यादा सीटें जीतेगा। जावड़ेकर ने कहा, भाजपा ऐसी पार्टी है जो सातों दिन, 24 घंटे काम करती है। जब 2019 लोकसभा चुनाव खत्म हुआ, भाजपा ने अगले चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी। जावड़ेकर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस दो महीने तक अपने अध्यक्ष का विकल्प नहीं ढूंढ पाई थी। इनदो महीनों में हमें नया कार्यकारी अध्यक्ष भी मिल गया। उन्होंने कहा, इस बीच हमारे 19 करोड़ सदस्य हो गए। हम लोगों के बीच 24 घंटे रहते हैं, जिसका हमें फायदा मिल रहा है।