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धर्मांतरण कानून के डर से यूपी छोड़कर जा रहे है प्रेमीजोड़े

लव-जिहाद का मुद्दा इस समय काफी तूल पकड़ रहा है। हर दिन खबरें आ रही है कि अपनी मर्जी से शादी करना वाले हिंदू-मुस्लिम युवक-युवतियों को कई राज्य सरकारें निशाने पर ले रही है। यूपी और मध्यप्रदेश जहां भाजपा सरकार सत्ता में बैठी हुई है वहां इस तरह की घटनाएं हर रोज देखने को मिल रही है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार अंतरधार्मिक शादी करने वाले और अंतरधार्मिक रिश्तों वाले युवा गिरफ़्तारी के डर से उत्तर प्रदेश छोड़कर दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। अखबार के दावे के अनुसार उसने कई ऐसे जोड़े से बातचीत की जिन्हें डर है कि उन्हें लव जिहाद और धर्मांतरण कानून के नाम पर राज्य में उनका उत्पीड़न हो रहा है।

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हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक युवती के पति की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि किसी भी महिला को अपनी जिंदगी अपनी मर्जी से जीने का अधिकार है। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कहा कि “कोई भी बालिग़ महिला बिना किसी की रोकटोक के कहीं भी आने-जाने या रहने के लिए स्वतंत्र है।” इलाहाबाद हाईकोर्ट ने युवती के पति पर दायर सभी एफआईआर को निरस्त कर दिया हैं। युवती के पति पर युवती को अपहरण करने का आरोप लगा हुआ था। इतना ही नहीं, बेंच ने चीफ़ जुडिशियल मैजिस्ट्रेट के उस आदेश को भी रद्द कर दिया जिसके तहत युवती को नारी निकेतन भेजा गया था।

सूत्रों के अनुसार मुसलमान युवक से प्रेम करने वाली एक युवती ने बताया “मेरे माता-पिता को हमारे रिश्ते के बारे में पता चला तो उन्होंने मेरे फ़ोन से सिम निकाल लिया, मुझे टॉर्चर किया और मेरे बॉयफ़्रेड को जान से मारने की धमकी दी। हम दोनों भागकर दिल्ली आ गए और हमने अदालत से सुरक्षा मांगी। मुझे नही लगता अब हम कभी वापस जाएंगे।”

मध्यप्रदेश में लव जिहाद के कानून धर्म स्वातंत्र्य विधेयक के ड्राफ्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। 28 दिसंबर को शुरू होने वाले विधानसभा के सत्र में इसे पेश किया जाएगा। सीएम आवास में हुई कैबिनेट की बैठक ने इस कानून को हरी झंडी दे दी है। वहीं दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर-प्रदेश में गलत तरीकें से धर्मातरण पर रोक लगाने के कानून को प्रभावी कर दिया है। यूपी के राज्यपाल ने इसे 28 नवंबर को मंजूदी दे दी थी। कैबिनेट ने 24 नवंबर को इसका विधेयक पास किया था। उत्तर-प्रदेश और मध्यप्रदेश के अलावा हरियाणा, कर्नाटक और भाजपा शासित राज्य इन कानूनों को लाने की तैयारी कर रहे है। हालांकि भारत के सविंधान के अनुसार कहा गया है कि अगर कोई महिला या युवक चाहे वह किसी भी धर्म का हो वह अपनी मर्जी से कहीं भी किसी भी धर्म में शादी कर सकता है।

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