उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन अध्यादेश लागू होने के बाद सरकार की प्यार विरोधी छवि बन गयी है। इसके बाद प्रदेश में इस कानून के तहत गत दिनों पहला मामला भी दर्ज हो चूका है। इसके बाद अलग अलग धर्म के प्रेमी फूंक – फूंक कर कदम रख रहे है। इसी दौरान ओरेया जिले में एक मिशाल कायम की गयी है। जिसमे एक मुस्लिम लड़की ने हिंदू लड़के से मंदिर में शादी कर ली है। यही नहीं बल्कि दोनों के परिजनों ने उनको ख़ुशी ख़ुशी विदा किया। जबकि दूसरी तरफ एक ऐसा मामला सामने आया है जहा दो धर्म के प्रेमियों ने शादी करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में गुहार लगाई है। जबकि प्रेमी जोड़े को यूपी सरकार से इतनी दहशत है कि वह वापिस प्रदेश में नहीं जाना चाहते। ऐसे में दिल्ली सरकार ने उन्हें सुरक्षा देने का आश्वासन दिया है।
यह दो दिन पहली बात है जब औरैया जिले के बिधूना कस्बे में एक दिल्ली की रहने वाली मुस्लिम लड़की ने हिंदू लड़के से हिंदू परंपरा के साथ मंदिर में शादी की और दोनों धर्मों से ऊपर जाकर एक-दूजे के हो गए। लड़की और लड़के दोनों के घरवाले शादी से खुश नजर आए. परिवार वालों का कहना है कि जिसमें दोनों खुश उसमें हम सब की खुशी है। बताया जाता है कि औरैया जिले के बिधूना के पास के गांव का लड़का अमन दिल्ली में नौकरी करने गया था। इस दौरान अमन की जान पहचान दिल्ली की रहने वाली रेशमा से हुई और दोनों में दोस्ती हो गई। इसके बाद रेशमा और अमन एक दूसरे को चाहने लगे और दोनों ने साथ जीने मरने की प्रण कर लिया।
दूसरी तरफ शमीम और सिमरन नाम के विपरीत धर्मो के प्रेमी जोड़े ने शादी करने और साथ रहने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में गुहार लगाई है। जिसमें न केवल सुरक्षा की मांग की गई थी। यूपी पुलिस द्वारा उनके परिजनों से भी लेकिन किसी भी तरह की जबरदस्त कार्रवाई का डर भी बताया था। ‘लव जिहाद’ के नाम पर सतर्कता बरतने और यूपी पुलिस के साथ नवविवाहित जोड़ों पर बंद होने का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन अध्यादेश के गैरकानूनी रूपांतरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
दिल्ली सरकार द्वारा उच्च न्यायालय को आश्वासन दिए जाने के बाद कि दंपति ने अपनी शादी के पंजीकरण के लिए विशेष विवाह अधिनियम के तहत आवेदन किया था, यदि आवश्यक हुआ तो उन्हें एक सुरक्षित आवास और पुलिस सुरक्षा भी प्रदान की जाएगी।इस दंपति ने एक दिशा-निर्देश मांगा था कि दिल्ली में अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा जाए कि यूपी पुलिस द्वारा किसी भी जांच की स्थिति में, उन्हें इसकी पूर्व अनुमति के बिना दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र से बाहर नहीं ले जाया जाएगा।