देश आज 2 अक्टूबर) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है। आज ही पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भी जयंती है। इस अवसर पर जम्मू – कश्मीर प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। जम्मू में कुछ नेताओं की नजरबंदी खत्म कर दी है। अनुछेद 370 हटाने के बाद स्थानीय पुलिस ने एहतिहात के तौर पर जम्मू में कई नेताओं को नजरबंद किया था, पूर्व मंत्री और डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह को भी नजरबंद किया गया था। उनके साथ जम्मू में नजरबंद सभी विपक्षी दलों के नेताओं पर से नजरबंदी हटा दी गई है जिन नेताओं पर से नजरबंदी हटाई गई है उसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, पैंथर्स पार्टी के नेता शामिल हैं।
डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह के अलावा जिन नेताओं से नजरबंदी हटाई गई है, उसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के देवेंद्र राणा और एसएस सालाथिया, कांग्रेस रमन भल्ला और पैंथर्स पार्टी के हर्षदेव सिंह के नाम शामिल हैं. इन नेताओं को 5 अगस्त से नजरबंद कर लिया गया था।
पूरी खबर के लिए यहां क्लिक करें :जम्मू -कश्मीर :धीरे -धीरे सामान्य होते हालात
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को बड़ा फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से कर दिया था और राज्य को 2 हिस्से में बांटते हुए अनुच्छेद 370 को भी निष्प्रभावी कर दिया था। सरकार ने इस फैसले के साथ ही राज्य के कई विपक्षी नेताओं को नजरबंद भी कर लिया था। पूर्व मंत्री और डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह को जम्मू के गांधीनगर में उनके सरकारी आवास से निकलने की इजाजत नहीं दी गई है। सिर्फ जम्मू ही नहीं कश्मीर के भी कई नेताओं को नजरबंद किया गया था , इनमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला समेत अन्य नेता शामिल थे । वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि कश्मीर घाटी में लोगों को कैद किया जा रहा है।